
नई दिल्ली। भारत को फ्रांस से तीन और राफेल लड़ाकू विमान (Rafale fighter aircraft) मिल गए हैं। फ्रांस से उड़ान भरकर तीन राफेल भारत पहुंचे। रास्ते में संयुक्त अरब अमीरात की वायु सेना (UAE Air Force) के टैंकर विमान ने राफेल में हवा में ही इंधन भरा। भारत ने फ्रांस से 60 हजार करोड़ रुपए में 36 राफेल विमानों का सौदा किया था। सौदे के अनुसार भारत को 35 विमान मिल गए हैं। अब सिर्फ एक विमान बाकी है।
इस संबंध में सरकारी अधिकारियों ने कहा कि फ्रांस से तीन राफेल विमान मंगलवार की शाम भारत पहुंचे। इन विमानों को यूएई की वायु सेना द्वारा एरियल रिफ्यूलिंग की सुविधा दी गई। इन तीन विमानों के आ जाने के बाद भारत को अब 36 में से 35 राफेल मिल गए हैं। सितंबर 2016 में भारत ने फ्रांस से 36 राफेल के लिए सौदा किया था। 36वां विमान मार्च के अंतिम सप्ताह या अप्रैल के पहले सप्ताह में फ्रांस से भारत आएगा।
राफेल से बढ़ी भारत की ताकत
बता दें कि राफेल के आने से भारतीय वायु सेना की ताकत बढ़ी है। दो इंजन वाला यह विमान कई तरह के मिशन को अंजाम दे सकता है। ग्राउंड अटैक, सी अटैक, हवा में दूसरे विमान से लड़ाई, जासूसी और परमाणु हमला जैसे मिशन को यह अंजाम दे सकता है। राफेल लंबी दूरी तक हवा से हवा में मार करने वाले मेट्योर मिसाइल से लैस है। इसके चलते इसे चीन और पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों से बढ़त हासिल है। यह हवा से जमीन पर मार करने वाले हैमर मिसाइल लेकर उड़ता है, जिससे भारतीय वायु सेना की बालाकोट जैसे हमले करने की क्षमता बढ़ गई है।
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राफेल विमान को हवा से हवा में मार करने वाले मेट्योर, माइका, मैजिक, साइड वाइंडर, ASRAAM और ARMAAM मिसाइल से लैस किया जा सकता है। जमीन पर हमला करने के लिए यह अपाचे, AS30L, ALARM, HARM, Maverick और PGM100 मिसाइल का इस्तेमाल करता है। समुद्र में मौजूद युद्धपोत को निशाना बनाने के लिए यह Exocet/AM39, Penguin 3 और Harpoon एंटी शिप मिसाइल दागता है। राफेल में एक 30mm का तोप भी लगा है जो 2,500 राउंड प्रति मिनट की रफ्तार से फायर करता है। राफेल में RBE2 पैसिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड राडार लगा है। यह एक बार में आठ टारगेट को ट्रैक कर सकता है।
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