अमरावती। आंध्र प्रदेश के तिरुपति बुधवार रात भगदड़ मच गई। वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टोकन लेने के लिए 4 हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ जुटी थी। इसी दौरान लोग एक दूसरे पर गिरे और भगदड़ की शुरुआत हो गई। इसके बाद भारी अफरातफरी और हंगामा मच गया।
इस घटना में गुरुवार सुबह तक 6 लोगों की मौत हुई है। भगदड़ की वजह वैकुंठ एकादशी के टोकन के लिए जुटी भारी भीड़ को माना जा रहा है। वैकुंठ एकादशी से पहले विशेष दर्शन के लिए टोकन बांटने के लिए तिरुमला में आठ स्थान तय किए गए थे।
गुरुवार सुबह से टोकन बांटे जाने थे, लेकिन बुधवार रात ही बड़ी संख्या में लोग जुट गए। बैरागी पट्टेडा और एमजीएम स्कूल सेंटर पर श्रद्धालु लंबी कतारों में लगे हुए थे। इसी दौरान भगदड़ मची। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के बोर्ड सदस्य भानु प्रकाश रेड्डी ने बताया है कि श्रद्धालुओं को टोकन देने के लिए 91 काउंटर खोले गए थे।
बैरागी पट्टीडा पार्क में कतार में लगने की अनुमति मिलने के कुछ ही देर बाद बड़े पैमाने पर भगदड़ मच गई। पहले इस घटना में मल्लिका नाम की एक महिला की मौत हुई। इसके बाद पांच अन्य लोगों की भी मौत हो गई।
वैकुंठ एकादशी और वैकुंठ द्वार दर्शनम 10 जनवरी से 19 जनवरी तक चलेगा। भगदड़ के समय के कई दर्दनाक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए गए हैं। इनमें पुलिस अधिकारियों को भीड़ को नियंत्रित करते हुए देखा जा सकता है। लोग हंगामे के दौरान एक-दूसरे को धक्का दे रहे थे। वीडियो में भगदड़ के बाद पुलिसकर्मियों को घायल श्रद्धालुओं को होश में लाने की कोशिश करते देखा जा सकता है।
बता दें कि 10 जनवरी से शुरू होने वाले 10 दिन के वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए हजारों श्रद्धालु तिरुपति पहुंचे हैं। भगदड़ से एक दिन पहले टीटीडी ने कहा कि केवल दर्शन टोकन या टिकट रखने वाले भक्तों को ही उनके टोकन पर दिए गए समय पर लाइन में लगने दिया जाएगा। तिरुमाला में सीमित आवास को ध्यान में रखते हुए कार्यकारी अधिकारी (ईओ) जे श्यामला राव ने यह घोषणा की थी।
श्रद्धालुओं के भारी संख्या में आने की उम्मीद के चलते मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था की भी घोषणा की थी। तिरुपति तथा तिरुमाला में लगभग 3,000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था।
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