प्रशांत किशोर को बंगाल की जीत का श्रेय लेने को लेकर तृणमूल के भीतर तनातनी है। पूर्व कांग्रेस नेता मुकुल संगमा और लुइज़िन्हो फलेरियो को लेकर प्रशांत किशोर को ही श्रेय दिया जा रहा है कि दोनों ने अपने स्विच से पहले तृणमूल नेतृत्व से नहीं, बल्कि प्रशांत किशोर से सलाह ली थी।
नई दिल्ली। ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के नेतृत्व वाले तृणमूल कांग्रेस (Trinmool Congress) और उनके चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) के बीच आई दूरी की अफवाहों को गुरुवार को विराम लग गया। टीएमसी (TMC) ने प्रशांत किशोर के संगठन के साथ किसी भी तरह की दरार से इनकार करते हुए साथ टूटने के हालिया रिपोर्टों को निराधार बताया है। तृणमूल ने कहा कि दोनों "एक टीम" के रूप में काम करते हैं और ऐसा करते रहेंगे।
तृणमूल कांग्रेस ने दी ट्वीट कर जानकारी
तृणमूल ने ट्वीट किया कि टीएमसी (TMC) और आई-पीएसी (I-PAC) के बीच मतभेद या कामकाजी संबंधों के बारे में निराधार रिपोर्टिंग का कोई आधार नहीं है। ममता बनर्जी के नेतृत्व में, हम एक टीम के रूप में काम करते हैं और भविष्य में सहयोग करना जारी रखेंगे।
तृणमूल ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ'ब्रायन की टिप्पणियों के एक दिन बाद स्पष्टीकरण पोस्ट किया, जिसमें उनकी पार्टी और प्रशांत किशोर की I-PAC (Indian Political Action Committee) के बीच अंतर को रेखांकित किया गया था।
देश के शीर्ष चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को इस साल की शुरुआत में बंगाल चुनावों में ममता बनर्जी की भारी जीत के लिए श्रेय दिया गया था। डेरेक ओ'ब्रायन ने बुधवार को इस बात पर जोर दिया कि प्रशांत किशोर का स्ट्रक्चर "तृणमूल से अलग है" और डिलिवरेबल्स पर काम कर रहा है। कई लोगों ने इसे प्रशांत किशोर को तृणमूल की चुनावी जीत से दूर करने के प्रयास के रूप में देखा। श्री ओ ब्रायन ने जोर देकर कहा कि तृणमूल ने आई-पीएसी को पांच साल के लिए नियुक्त किया है और इसके लिए लक्ष्य निर्धारित हैं। उन्होंने कहा कि आई-पीएसी एक राजनीतिक सहयोगी है और उसे टीएमसी के लिए कुछ कार्य करने हैं लेकिन एजेंसी या उसका कोई भी अधिकारी जरूरी नहीं कि पार्टी की राय को प्रतिबिंबित करे।
हमारे विस्तार का मुख्य उद्देश्य भाजपा को हराना
डेरेक ब्रायन ने कहा कि टीएमसी पहली राजनीतिक पार्टी है जिसने पांच साल के लिए आई-पीएसी को काम पर रखा है और उनके पास कुछ डिलिवरेबल्स हैं। आई-पीएसी की जमीन, संचार और सोशल मीडिया पर पहुंच है। यह सब ममता बनर्जी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय कार्य समिति में मूल्यांकन किया जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे विस्तार का मुख्य उद्देश्य भाजपा को हराना और उन जगहों पर प्रवेश करना है जहां विपक्ष कमजोर है। इसलिए, टीएमसी तमिलनाडु में प्रवेश नहीं करेगी जहां डीएमके एक प्रमुख ताकत है या महाराष्ट्र जहां शिवसेना और एनसीपी हैं।
पीके पर श्रेय लेने और ममता को कम आंकने का आरोप
सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर को बंगाल की जीत का श्रेय लेने को लेकर तृणमूल के भीतर तनातनी है। जैसे कि पूर्व कांग्रेस नेता मुकुल संगमा और लुइज़िन्हो फलेरियो को लेकर प्रशांत किशोर को ही श्रेय दिया जा रहा है कि दोनों ने अपने स्विच से पहले तृणमूल नेतृत्व से नहीं, बल्कि प्रशांत किशोर से सलाह ली थी। यह टिप्पणी तृणमूल को अच्छी नहीं लगी, जिसे लगता है कि किशोर या पीके खुद को बहुत अधिक श्रेय देते हैं, जिससे उनकी नेता ममता बनर्जी की कड़ी मेहनत और शानदार सफलता को कम आंकते हैं।
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