फांसी से बचने के लिए निर्भया के दोषी ने खेला नया दांव, चुनाव आयोग में अर्जी दाखिल कर लगाई यह गुहार

दोषी विनय शर्मा ने फांसी टालने के लिए एक और नया दांव चला है। उसके वकील एपी सिंह ने चुनाव आयोग में अर्जी दाखिल की है। जिसमें खारिज हुई विनय की दया याचिका को लेकर सवाल उठाया गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 20, 2020 7:55 AM IST

नई दिल्ली. निर्भया के दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी दी जानी है। ऐसे में दोषियों की बेचैनी बढ़ गई है। इतना ही नहीं निर्भया के चारों दोषी फांसी से बचने के लिए हर जोर आजमाइश भी कर रहे हैं। इन सब के बीच खबर सामने आई है कि दोषी विनय शर्मा ने फांसी टालने के लिए एक और नया दांव चला है। उसके वकील एपी सिंह ने चुनाव आयोग में अर्जी दाखिल की है। जिसमें खारिज हुई विनय की दया याचिका को लेकर सवाल उठाया गया है। 

क्या कहा गया है अर्जी में

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चुनाव आयोग में दाखिल की गई अर्जी में कहा गया है कि जब दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने 29 जनवरी को राष्ट्रपति के पास विनय की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की तो वो ना तो मंत्री थे और ना ही विधायक। दोषी विनय शर्मा के वकील एपी सिंह ने कहा कि सत्येंद्र जैन ने 30 जनवरी को अपना साइन व्हाट्स ऐप के जरिए भेजा। अर्जी में कहा गया है कि ऐसे में दया याचिका खारिज करना गैरकानूनी और असंवैधानिक है, क्योंकि उस समय दिल्ली में चुनाव के लिए आदर्श चुनाव संहिता चल रही थी। अर्जी में चुनाव आयोग से कानूनी संज्ञान लेने की मांग की गई है। 

3 मार्च को दी जाएगी फांसी

निर्भया के दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे तिहाड़ जेल के फांसी घर में फांसी पर लटकाया जाएगा। पटियाला कोर्ट ने दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए तीसरी बार डेथ वारंट जारी किया है। 

दो बार टल चुकी है फांसी

निर्भया के दोषियों को फांसी के लिए यह तीसरी बार डेथ वारंट जारी किया गया है। उससे पहले दोषियों को दो बार फांसी पर लटकाने के लिए तारीख तय की गई थी। लेकिन कानूनी दांव पेच के कारण दोनों तारीखें टल गईं। दोषियों को पटियाला कोर्ट ने 21 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाने का आदेश दिया था। लेकिन इस डेट पर रोक लग गई। जिसके बाद कोर्ट ने 1 फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाने का आदेश दिया। लेकिन 31 जनवरी को निचली अदालत ने चारों दोषियों- मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31)- की फांसी की सजा पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। 

क्या है पूरा मामला 

16 दिसंबर, 2012 की रात में 23 साल की निर्भया से दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 6 लोगों ने दरिंदगी की थी। साथ ही निर्भया के साथ बस में मौजूद दोस्त के साथ भी मारपीट की गई थी। दोनों को चलती बस से फेंक कर दोषी फरार हो गए थे।इसके बाद निर्भया का दिल्ली के अस्पताल में इलाज चला था। जहां से उसे सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया था। 29 दिसंबर को निर्भया ने सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।

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