प्रेमिका का कत्ल छिपाने के लिए बिहारी मजदूर ने 9 और लोगों को उतारा था मौत के घाट, कुएं में मिली थी लाशें

वारंगल पुलिस ने सोमवार को बताया कि यह सारी हत्याएं बिहार के प्रवासी मजदूर संजय कुमार यादव (24) ने प्रेमिका के कत्ल को छिपाने के लिए की थी। पुलिस ने बताया, संजय ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। उसने बर्थडे पार्टी में सभी के खाने में नींद की गोलियां मिला दी थी। जिसके बाद सभी को कुएं में ले जाकर फेंक दिया था। 

Asianet News Hindi | Published : May 26, 2020 2:29 AM IST / Updated: Feb 02 2022, 10:19 AM IST

हैदराबाद. तेलंगाना के वारंगल के सीमावर्ती इलाके में कुएं से मिले 9 शवों के रहस्य से पर्दा उठ गया है। वारंगल पुलिस ने सोमवार को बताया कि यह सारी हत्याएं बिहार के प्रवासी मजदूर संजय कुमार यादव (24) ने प्रेमिका के कत्ल को छिपाने के लिए की थी। पुलिस ने बताया, संजय ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। उसने बर्थडे पार्टी में सभी के खाने में नींद की गोलियां मिला दी थी। इसके बाद जब सभी लोग बेसुध हो गए तो उसने सभी को बोरी में भरकर गोरेकुंटा स्थित गोदाम के पास वाले कुएं में फेंक दिया। 

बोरा बनाने वाली फैक्ट्री में रहते थे सभी 

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वारंगल पुलिस कमिश्नर वी.रविंदर ने बताया कि जिस कुएं से शव मिले थे, उसके पास ही बोरे बनाने की फैक्ट्री है। यहां पर प्रवासी मजदूर रहते हैं। आरोपी संजय यहीं रहता था। उसके साथ पश्चिम बंगाल का रहने वाला मकसूद पत्नी निशा और परिवार के छह सदस्यों के साथ रहता था। इनके साथ बिहार के दो और त्रिपुरा का एक युवक भी रहता था।

warangal dead body case: bihar and benagl migrants dead body found ...

रफीका की भतीजी से थे अवैध संबंध 

जांच में पता चला कि संजय के निशा की भतीजी रफीका (37) के साथ अवैध संबंध थे। रफीका भी पश्चिम बंगाल की रहने वाली थी मगर वह अपने पति से अलग हो गई थी। उसके तीन बच्चे थे। वहीं, संजय ने एक कमरा किराए पर ले रखा था, जहां संजय और रफीका एक साथ रहते थे। 

पुलिस ने बताया कि संजय की रफीका की बेटी पर भी गलत नजर थी। इस बात को लेकर रफीका ने संजय को चेतावनी भी दी थी। यही वजह थी कि संजय ने रफीका की हत्या की साजिश रची। उसने मकसूद को बताया कि वह रफीका से शादी करना चाहता है। इसके लिए रफीका के परिजन से बात करने बंगाल जा रहा है।

ट्रेन में दूध में मिलाई नींद की गोली, घोंट दिया रफीका का गला 

पुलिस ने बताया कि 6 मार्च को संजय और रफीका गरीब रथ ट्रेन से विशाखापट्टनम के लिए रवाना हुए। मगर संजय ने सफर के दौरान ही दूध में नींद की गोली मिलाकर रफीका को दे दी। जब रफीका को नींद लग गई तो संजय ने उसका गला घोंट दिया। इसके बाद रफीका के शव को आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के निदादावोल के पास ट्रेन से फेंक दिया।

फिर संजय राजामुंदरी में ट्रेन से उतरा और वारंगल लौट आया। जब मकसूद ने रफीका के बारे में पूछा तो संजय ने कह दिया कि वह गांव में है और बाद में वापस आएगी। जब मकसूद के परिवार ने उसे सच बताने के लिए पुलिस की धमकी दी तो उसने सभी को खत्म करने का प्लान बनाया। 

जन्मदिन पार्टी में मिलाई नींद की गोलियां और सुला दी मौत की नींद 

पुलिस के मुताबिक, 20 मई को शाबाज (मकसूद का बेटा) का जन्मदिन था। संजय उनके घर गया। सभी के खाने में नींद की गोलियां डाल दीं। इस पार्टी में त्रिपुरा निवासी शकील भी आया था। इसलिए वह भी साजिश का शिकार हो गया। इस बीच, संजय को मकसूद के घर में उसी बिल्डिंग में रहने वाले बिहार के दो युवकों ने देख लिया था। यही कारण था कि संजय ने उन्हें भी नींद की गोली देकर सुला दिया। बाद में संजय ने सभी को बोरे में भरकर कुएं में फेंक दिया। हालांकि, पुलिस ने बताया कि इस काम में एक और आदमी शामिल था। फिलहाल उसकी तलाश जा रही है। 

पुलिस ने दो दिन में निकाले थे 9 शव

21 मई को कुएं से मकसूद (50 वर्ष) उसकी पत्नी निशा (45 वर्ष) बेटी बसरा (20 वर्ष) और बसरा का तीन साल के बच्चे का शव मिला था। अगले दिन यानी 22 मई को मकसूद के बेटे शाबाज (22 वर्ष) और सोहैल (20 वर्ष), बिहार निवासी श्याम (22 वर्ष) और श्रीराम (20 वर्ष) और त्रिपुरा के शकील का शव निकाला गया था।

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