भारत के इतिहास के चार हाई-प्रोफाइल राजनीतिक हत्याकांड, पूरा देश रह गया था शॉक्ड

यह लेख भारत के इतिहास के चार महत्वपूर्ण राजनीतिक हत्याओं - महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और दीनदयाल उपाध्याय की हत्याओं पर प्रकाश डालता है।
Dheerendra Gopal | Published : Sep 1, 2024 3:08 PM IST
14
महात्मा गांधी (1948)

आजाद भारत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने उनको गोली मार दी थी। गांधीजी उस समय भारत में सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए उपवास कर रहे थे। गांधी की नीतियों और विचारों से असहमत गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी।

24
इंदिरा गांधी (1984)

भारत की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 में हत्या कर दी गई। श्रीमती गांधी के बॉडीगार्ड्स सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने उनको गोलियों से भून डाला था। दरअसल, सिख समाज ऑपरेशन ब्लू स्टार से नाराज था। स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए सैन्य कार्रवाई की गई थी जिससे पवित्र मंदिर को काफी नुकसान हुआ था और सिख समाज इससे खासा नाराज था। इस हत्या के बाद देश में दंगा भड़क गया और सैकड़ों सिखों का कत्लेआम हुआ था।

34
राजीव गांधी (1991)

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की एक चुनावी रैली के दौरान सुसाइड बम से उड़ा दिया गया। राजीव की हत्या 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में हुई थी। वह एक चुनावी रैली कर रहे थे। माला पहनाने के दौरान आत्मघाती हमलावर धनु ने खुद को उड़ा लिया था। यह बड़ा धमाका था। धनु, लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) की सदस्य थी। लिट्टे जोकि श्रीलंका में सक्रिय था, राजीव गांधी द्वारा भारतीय शांति सेना भेजे जाने से नाराज था।

44
दीनदयाल उपाध्याय (1968)

भारतीय जनसंघ के प्रमुख नेता दीनदयाल उपाध्याय की रहस्यमय परिस्थितियों में लाश मिली थी। दीनदयाल उपाध्याय का शव 11 फरवरी 1968 को मुगलसराय रेलवे स्टेशन के पास एक रेल की पटरी पर मिला था।

यह भी पढ़ें:

सुप्रीम कोर्ट का नया ध्वज और प्रतीक चिन्ह: जानें क्या है खास

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos