तालियों की गूंज के साथ कुछ इस अंदाज में भारतीय सेना को मिली तुर्किए से विदाई, देखें खास तस्वीरें
नई दिल्ली। 6-7 फरवरी को तुर्किए और सीरिया में आए भूकंप (Turkey Earthquake) के बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन दोस्त चलाकर मदद की। राहत और बचाव अभियान के लिए तुर्किए गए NDRF के जवान, डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी लौट आए हैं। लोगों ने ताली बजाकर उन्हें विदाई दी।
Vivek Kumar | Published : Feb 20, 2023 8:15 AM IST
तुर्किए में एनडीआरएफ के जवानों को राहत और बचाव अभियान के लिए भेजा गया। इसके साथ ही 60 पारा फील्ड अस्पताल के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की टीम को भूकंप पीड़ितों का इलाज करने के लिए भेजा गया।
तुर्किए में राहत और बचाव अभियान चला रहे एनडीआरएफ के सभी जवान और मेडिकल टीम के सदस्य भारत लौट आए हैं। मुश्किल वक्त में मदद कर इन्होंने तुर्किए के लोगों का दिल जीत लिया है। तुर्किए के लोगों ने तालियों की गूंज के साथ भारतीय सेना के जवानों को विदाई दी।
तुर्किए के हताए के इस्केंडरन में भारतीय सेना ने हॉस्पिटल लगाया था। यहां 60 पारा फील्ड अस्पताल की टीम ने 3700 से अधिक भूकंप पीड़ितों का इलाज किया।
60 पारा फील्ड अस्पताल की टीम भारत लौटने लगी तो स्थानीय लोग जुट गए और अच्छी चिकित्सा सुविधा देने के लिए आभार जताया। लोगों ने ताली बजाकर भारतीय सेना के जवानों को विदा दिया। तुर्किए के अदाना एयरपोर्ट पर भी एनडीआरएफ के जवानों को लोगों ने तालियां बजाकर विदा किया।
60 पारा फील्ड अस्पताल की चिकित्सा अधिकारी मेजर बीना तिवारी ने कहा कि अभी हमलोग तुर्किए से लौटे हैं। हमलोग भूकंप आने के 10-12 घंटे में सारा सामान तैयार कर टेकऑफ के लिए रेडी हो गए थे। आगरा एयरफोर्स स्टेशन से हमलोगों ने उड़ान भरी। तुर्किए पहुंचे तो हमने देखा कि काफी नुकसान हुआ है। हर तरफ मलबा था। काफी लोग मारे गए थे और लोगों के घर गिर गए थे।
बीना तिवारी ने कहा कि पहले काफी कन्फ्यूजन थी कि हमें कहां जाकर हॉस्पिटल सेटअप करना है। सीनियर अधिकारियों की मदद से हमें एक जगह मिली। वह एक स्कूल था। उसकी बिल्डिंग काफी मजबूत थी। बाकी भवनों को काफी नुकसान हुआ था, लेकिन उसे अधिक नुकसान नहीं हुआ था। वो जगह हमें सेफ लगी। इसके साथ ही वह स्कूल स्थानीय अस्पताल के पास भी था।
बीना तिवारी ने कहा कि तुर्किए के लोगों से हमें काफी मदद मिली। तुर्किए की सरकार ने भी काफी मदद की। स्थानीय लोगों ने हमें वहां घर जैसा महसूस कराया। हमलोग वहां अकेले काम नहीं कर रहे थे। लोकल वॉलंटियर्स की टीम हमारे साथ थी। हमने 1-2 घंटे में हॉस्पिटल सेटअप कर लिया और लोगों का इलाज शुरू कर दिया। इसके बाद 10-11 दिनों तक लगातार भूकंप पीड़ितों की इलाज किया गया। हमने करीब 3700 मरीजों का इलाज किया।