प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों कू, शेयरचैट, टेलीग्राम, लिंक्डइन, गूगल, फेसबुक, व्हाट्सअप आदि ने नए डिजिटल मीडिया नियमों के अनुसार जो भी आवश्यक जानकारियां शेयर कर दी हैं और जो नियुक्तियां हैं वह सब पूरी कर ली हैं।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के 24 घंटे की छूट के बाद भी ट्वीटर ने सोशल मीडिया रूल्स के अंतर्गत अधिकारियों की नियुक्ति कर सूचना नहीं दी है। हालांकि, प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों ने सारी सूचना सरकार के साथ शेयर कर दी है। ट्वीटर ने एक भारतीय लाॅ फर्म के अधिवक्ता का नाम और नंबर शेयर किया है। जबकि सरकार के नियमों के अनुसार शिकायत निवारण अधिकारी को सोशल मीडिया कंपनी में कार्यरत होना चाहिए।
इन सोशल मीडिया कंपनियों ने डिजिटल मीडिया रुल्स को फालो किया
सरकार के सूत्रों के अनुसार प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों कू, शेयरचैट, टेलीग्राम, लिंक्डइन, गूगल, फेसबुक, व्हाट्सअप आदि ने नए डिजिटल मीडिया नियमों के अनुसार जो भी आवश्यक जानकारियां शेयर कर दी हैं और जो नियुक्तियां हैं वह सब पूरी कर ली हैं।
लेकिन ट्वीटर ने नहीं दी जानकारी
मंत्रालय सूत्रों के अनुसार ट्वीटर ने एक दिन पहले सरकार द्वारा मांगी गई सूचनाओं को नहीं शेयर किया गया है। ट्वीटर ने गुरुवार की रात में एक सूचना दी जिसमें उसने नोडल कांटेक्ट पर्सन और शिकायत निवारण अधिकारी का नंबर दिया। जिस व्यक्ति का नंबर ट्वीटर ने दिया है वह एक लाॅ फर्म में काम करने वाले अधिवक्ता हैं। जबकि नियमानुसार सोशल मीडिया में कार्यरत व्यक्ति ही चीफ कंप्लायंस अफसर हो सकता है और वह भारत का रहने वाला हो।
क्या है नए सोशल मीडिया कानून में
दरअसल, 25 फरवरी, 2021 को भारत सरकार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया या डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड को लागू करने का ऐलान किया था। इस नए कानून में सोशल मीडिया, डिजिटल प्लेटफार्म या ओटीटी को दायरे में लाया गया ताकि किसी प्रकार की आपत्तिजनक या भ्रामक सामग्रियों के प्रसार पर बैन लगाया जा सके। सरकार ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफाम्र्स व कंपनियों को इसके लागू करने के लिए तीन महीने का समय भी दिया था।
25 मई तक की थी डेडलाइन लेकिन अतिरिक्त मौका दिया
डिजिटल मीडिया या सोशल प्लेटफाम्र्स को नियंत्रित करने के लिए लाए गए इस कानून को 26 मई से लागू किया जाना था। इसके लिए सभी डिजिटल या सोशल मीडिया को तीन महीने का समय दिया गया था जो 25 मई को खत्म हो गया। हालांकि, सरकार ने सबको 27 मई तक का मौका दिया था ताकि सारी सूचनाएं मंत्रालय तक आ जाए।
नए नियम के अनुसार यह सबके लिए अनिवार्य