गलवान के बाद भी चीनी सेना ने किए थे 2 हमले, भारतीय सैनिकों की जांबाजी से पीछे हटे चाइनीज

हाल ही में सेना की पश्चिमी कमान का अलंकरण समारोह आयोजित किया गया, जिसमें पढ़े गए प्रशस्ति पत्र से चौंकाने वाली जानकारी मिली। इसमें कहा गया कि गलवान के बाद भी दो बार झड़पें हुई थीं।

 

Manoj Kumar | Published : Jan 17, 2024 5:46 AM IST

India China Relation. गलवान के भी चीन और भारत की सेनाओं के बीच झड़पें हुईं थी। तब भारतीय सेना ने चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया और चाइनीज हमले को फेल कर दिया था। यह जानकारी तब सामने आई जब सेना की पश्चिमी कमान अलंकरण समारोह में एक प्रशस्ति पत्र पढ़ा गया। इस झड़प के बहादुर सैनिकों को पुरस्कृत किया गया, तब यह जानकारी सामने आई है।

चीनी सैनिकों को भारतीय आर्मी का जवाब

रिपोर्ट्स में बताया गया है कि गलवान के बाद पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने दो बार हमले किए थे और भारतीय सेना के वीर जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। उन सैनिकों को पश्चिमी कमान के अलंकरण समारोह में पुरस्कृत किया गया। जानकारी के लिए बता दें कि 13 जनवरी को पश्चिमी कमान ने यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें वीरता पुरस्कार को लेकर बात कही गई है। इसमें बताया गया है कि भारत और चीन के बीच झड़प की यह घटनाएं सितंबर 2021 और नवंबर 2021 में हुईं थी। बाद में इस वीडियो को यूट्यूब से हटा दिया गया। सेना की तरफ से भी इस मामले में किसी तरह की टिप्पणी नहीं की गई है।

कब और क्यों हुई थी गलवान में झड़प

गलवान घाटी में चीनी सेना ने पेट्रोलिंग पॉइंट 14 (पीपी-14) में लगाए गए दो टेंटों को हटाने से इनकार कर दिया था। उनके इनकार के बाद भारतीय सेना ने भी उसी सामान्य क्षेत्र में अपने तंबू लगाने का फैसला किया। विवाद मई 2020 में शुरू हुआ था। पीपी-15 और पीपी-17ए सहित अन्य स्थानों पर फ्लैग-लेवल की बैठकें हुईं और सैनिक सहमति से दूर हुए। इसके बाद 16 जून को दोनों सेनाओं के बीच जबरदस्त हिंसक झड़प हुई जिसमें चीन के कई सैनिक मारे गए थे। हालांकि इसका आंकड़ा जारी नहीं किया गया। जब पीपी-14 पर भारत ने चीनी सेना से अपने तंबू हटाने के लिए कहा तो वे अपना रुख बदलते रहे। वे कुछ और समय मांग रहे थे। इस बीच चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर पथराव कर दिया। इससे यह स्पष्ट हो गया कि उन तंबुओं को हटाने का उनका कोई इरादा नहीं था। इसका मुकाबला करने के लिए उसी सामान्य क्षेत्र में भारत ने अपने तंबू लगाने का फैसला किया।

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