दिशा कानूनः यह दो महिला अफसर दोषियों को दिलाएंगी सजा, सरकार ने सौंपी कमान

आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दिशा कानून बनाया था। जिसे लागू कराने के लिए सरकार ने दो महिला अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी है। जिसमें IAS अफसर डॉ. कृतिका शुक्ला और IPS  एम. दीपिका की नियुक्ति की गई है। जो दोषियों को 21 दिन के भीतर सजा दिलाएंगी। 

अमरावती. आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के खिलाफ अपराधों को अंजाम देने वाले दोषियों को 21 दिन के भीतर सजा दिलाने वाले दिशा कानून का पालन कराने के लिए सरकार ने दो  महिला अफसरों की नियुक्ति की है। जिसमें एक IAS और एक IPS ऑफिसर की तैनाती की गई है। इस कानून से महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध और अन्य घटनाओं पर लगाम कसने की कवायद है। 

इनको मिली जिम्मेदारी 

Latest Videos

भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी डॉ. कृतिका शुक्ला और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी एम. दीपिका को गुरुवार को आंध्र प्रदेश दिशा अधिनियम 2019 को लागू करने के लिए विशेष अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया। डॉ. कृतिका शुक्ला, वर्तमान में महिला विकास और बाल कल्याण विभाग की डायरेक्टर है। उन्हें दिशा कानून को लागू कराने का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। जबकि करनूल की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (प्रशासन)  एम. दीपिका को दिशा कानून के लिए विशेष अधिकारी नियुक्त किया गया है। 

13 दिसंबर को मिली थी मंजूरी 

यह कानून तेलंगाना के हैदराबाद में वेटनरी डॉक्टर से हुई दरिंदगी के दो हफ्ते बाद इस कानून को लाया गया था। दरिंदगी की शिकार हुई डॉक्टर को सोशल मीडिया पर दरिंदगी की शिकार डॉक्टर को दिशा नाम दिए जाने के बाद आंध्र प्रदेश सरकार ने इस  कानून को "आंध्र प्रदेश दिशाअधिनियम" के रूप में पारित किया था। आंध्र प्रदेश के सरकार द्वारा लाए गए इस कानून को 13 दिसंबर को विधानसभा द्वारा मंजूरी मिली थी। 

21 दिन में आएगा फैसला 

आंध्र प्रदेश आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम बलात्कार और एसिड हमलों के मामलों में तत्काल जांच और फैसला सुनाने का अधिकार देता है। जिसमें अभियुक्त के खिलाफ ठोस सबूत के साथ केस को 14 दिनों के भीतर पूरा किया जाना है और 21 दिनों के भीतर सजा सुनाया जाना है। जबकि अपील करने की अवधि में भी कटौती करते हुए उसे 6 महिने से घटाकर डेढ़ महिना यानी 45 दिन कर दिया गया है। 

13 जिलों में बनेंगी विशेष अदालतें 

राज्य में बलात्कार, एसिड हमलों और सोशल मीडिया उत्पीड़न सहित महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के मामले में तत्काल सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए सभी 13 जिलों में विशेष अदालतें स्थापित की जाएंगी। आंध्र प्रदेश द्वारा बनाए गए कानून में खास बात यह है कि रेप के मामलों में ठोस सबूत मिलने के बाद बलात्कारी को फांसी की सजा दी जाएगी। 

Share this article
click me!

Latest Videos

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का निधन, 92 साल की उम्र में ली आखिरी सांस #short
'ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम...' सुनते ही पटना में बवाल, सिंगर को मांगनी पड़ी माफी । Atal Jayanti Program
आसान है पुरानी कार पर GST का नया नियम, यहां समझें हर एक बात । Nirmala Sitharaman । GST on Cars
CM भजनलाल शर्मा की पत्नी और बेटे करते दिखे दंडवत परिक्रमा, 16 सालों से चल रहा है सिलसिला
Pushpa-2 Stampede Case: Allu Arjun के पहुंचने से पहले ही भीड़ हो गई थी अनियंत्रित, CCTV ने खोले राज