राज्य खुद ही लागू करेंगे UCC कानून, जानें केंद्र की भूमिका पर बीजेपी सूत्रों ने क्या किया दावा?

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शीर्ष सूत्रों ने शुक्रवार (12 जुलाई) को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार संसद के माध्यम से समान नागरिक संहिता (UCC) से संबंधित कोई भी कानून लाने के लिए उत्सुक नहीं है।

sourav kumar | Published : Jul 13, 2024 2:29 AM IST / Updated: Jul 13 2024, 08:13 AM IST

UCC: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शीर्ष सूत्रों ने शुक्रवार (12 जुलाई) को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार संसद के माध्यम से समान नागरिक संहिता (UCC) से संबंधित कोई भी कानून लाने के लिए उत्सुक नहीं है। इसके बजाय राज्यों को अपना कानून लाना पसंद करेगी। नाम न छापने की शर्त पर सूत्रों ने बताया कि पार्टी को उम्मीद है कि उत्तराखंड के बाद, अन्य भाजपा शासित राज्य भी जल्द ही इसको अपनाएंगे। गुजरात और असम जैसे राज्य पहले से ही यूसीसी कानून पारित करने की प्रक्रिया में हैं।

इस फरवरी में भाजपा शासित उत्तराखंड ने UCC विधेयक पारित किया, जो समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया। इसमें सभी धर्मों के लिए विवाह, तलाक और विरासत के लिए समान कानून शामिल हैं। इस बीच कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को कहा कि वह इस मुद्दे पर विधि आयोग के मूल्यांकन का इंतजार करेंगे। पिछले महीने उन्होंने कहा था कि यह मुद्दा अभी भी सरकार के एजेंडे में है।

Latest Videos

ये भी पढ़ें: मुंबई को आज PM मोदी देंगे हजारों करोड़ों की सौगात, जानें किन महत्वपूर्ण योजनाओं का करेंगे उद्घाटन और शिलन्यास

RSS सहयोगी और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का संदेह

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) 22वें विधि आयोग द्वारा UCC के विवादास्पद मुद्दे पर जनता की राय मांगी थी। यहां तक ​​कि वनवासी कल्याण आश्रम एक RSS सहयोगी जो भारत के दूरदराज के इलाकों में अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करता है, उसने भी पिछले साल News18 को बताया था कि उन्हें भी इस मुद्दे पर आपत्ति थी। RSS से जुड़े संगठन को आदिवासियों के बीच विवाह और संपत्ति के अधिकार के मुद्दों पर संदेह था।

BJP के सहयोगी दलों ने UCC को लेकर दिए संकेत

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के तीसरे कार्यकाल में भाजपा के पास साधारण बहुमत नहीं है और वह तेलुगु देशम पार्टी और जनता दल (UNITED) सहित अपने सहयोगियों पर निर्भर है। जदयू) ने पहले संकेत दिया है कि UCC पर फैसले के लिए आम सहमति की आवश्यकता होगी।

ये भी पढ़ें: प्रोबेशनरी IAS अधिकारी पूजा खेडकर को गवांनी पड़ सकती है नौकरी, जालसाजी का भी लग सकता है आरोप, जानें पूरी बात

Share this article
click me!

Latest Videos

'कुत्ते की पूंछ की तरह सपा के दरिंदे भी...' जमकर सुना गए Yogi Adityanath #shorts
दिल्ली सरकार की नई कैबिनेट: कौन हैं वो 5 मंत्री जो आतिशी के साथ लेंगे शपथ
Akhilesh Yadav LIVE: माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस वार्ता
हरियाणा BJP संकल्प पत्र की 20 बड़ी बातें: अग्निवीर को पर्मानेंट जॉब-महिलाओं को 2100 रु.
धारा 370 पर मोदी ने खुलेआम दिया चैलेंज #Shorts