सार

प्रोबेशनरी IAS अधिकारी पूजा खेडकर की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस वक्त वो अपनी विकलांगता की प्रामाणिकता और OBC से जुड़े मामलों को लेकर विवादों में घिरी हुई है।

Puja Khedkar Case: प्रोबेशनरी IAS अधिकारी पूजा खेडकर की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस वक्त वो अपनी विकलांगता की प्रामाणिकता और OBC से जुड़े मामलों को लेकर विवादों में घिरी हुई है। इसी बीच खबर आ रही है कि उनके खिलाफ जांच चलेगी। अगर जांच में पाया गया कि उनके विकलांगता की प्रामाणिकता और ओबीसी स्थिति झूठे हैं तो उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है या फिर उनके खिलाफ जालसाजी के लिए आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं केंद्र सरकार ने मामले की जांच करते हुए पाया है कि उनकी ओर से पेश किए गए फैक्ट को गलत तरीके से पेश किया गया है।

सरकार के सूत्रों ने कहा कि DPTO के अतिरिक्त सचिव मनोज द्विवेदी का पैनल अगले दो हफ्तों में जांच करेगा कि उसने अपनी विकलांगता और ओबीसी स्थिति स्थापित करने वाले दस्तावेज कैसे प्राप्त किए? क्या जारी करने वाले प्राधिकारी द्वारा उचित जांच की गई थी? ऐसा दावा किया जा रहा है कि पूजा खेडकर PWD कैटेगरी में IAS पद हासिल प्राप्त करने के बावजूद अपनी विकलांगता का सबूत नहीं दे पाई है। उन्होंने एम्स दिल्ली में जरूरी मेडिकल टेस्ट के लिए बार-बार बुलाए जाने पर जाने से इंकार कर दिया। इसके बाद जांच कमेटी पैनल अपने नतीजों को पुलिंदा DOPT को सौंपेगा जो फिर सिफारिशों के साथ रिपोर्ट को महाराष्ट्र सरकार को भेजेगा, क्योंकि उसे महाराष्ट्र कैडर दिया गया है।

पूजा खेडकर की करोड़ो के संपत्ति

पूजा खेडकर के दावों की जांच कर रहा DOPT पैनल उनकी ओबीसी स्थिति को सत्यापित करने के लिए सामाजिक न्याय मंत्रालय की मदद ले सकता है। हालांकि वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से होने का दावा करती है, लेकिन उसके पिता, एक पूर्व नौकरशाह और हाल के लोकसभा चुनावों में उम्मीदवार है। उनके द्वारा भर गए हलफनामे में उनकी संपत्ति 40 करोड़ रुपये से अधिक घोषित की गई है। खेडकर को करोड़ों के फ्लैट और प्लॉट का मालिक दिखाया गया था।

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