NPR को कैबिनेट की मंजूरी, खर्च होंगे 8500 करोड़ रु., जावड़ेकर ने कहा, किसी कागज की जरूरत नहीं पड़ेगी

कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने एनपीआर को लेकर फैली अफवाहों पर विराम लगाते हुए कहा, एनपीआर में किसी कागज की जरूरत नहीं पड़ेगी। सभी राज्यों ने एनपीआर को स्वीकार किया है।  

Asianet News Hindi | Published : Dec 24, 2019 10:12 AM IST / Updated: Dec 24 2019, 05:17 PM IST

नई दिल्ली. कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने एनपीआर को लेकर फैली अफवाहों पर विराम लगाते हुए कहा, एनपीआर में किसी कागज की जरूरत नहीं पड़ेगी। सभी राज्यों ने एनपीआर को स्वीकार किया है। इसमें बायोमेट्रिक देने की जरूरत नहीं है। एनपीआर का फायदा सही लोगों को मिलेगा। अभी तक अंग्रेजों के जमाने की जनगणना होती थी, लेकिन अब हम ऐप के जरिए जनगणना करेंगे। आजादी के बाद 8वीं जनगणना की जाएगी। यह जनगणना ऐप के जरिए की जाएगी। ऐप में दी गई जानकारी को सही माना जाएगा।

1 अप्रैल 2020 से शुरू होगी जनगणना

- उन्होंने कहा, 1 अप्रैल 2020 से जनगणना शुरू की जाएगी और सितंबर तक चलेगी। इसके लिए किसी तरह के दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। ऐप के जरिए भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

- उन्होंने बताया, कैबिनेट ने जनगणना के लिए 8,754.23 करोड़ के खर्च को मंजूर किया है। नेशनल पापुलेशन रजिस्टर के लिए 3,941.35 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दी गई।

-  उन्होंने कहा, अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर अटल भूजल योजना की शुरुआत की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में चिन्हित क्षेत्रों में 5 साल के लिए 6000 करोड़ रुपए की अटल भूजल योजना को मंजूरी दी।

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