National Monetisation Pipeline का ऐलानः रेलवे, सड़क, बिजली के असेट्स से छह लाख करोड़ रुपये कमाएगी सरकार

राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) ने वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2025 तक 4 साल की अवधि में केंद्र सरकार की मुख्य संपत्तियों के माध्यम से 6 लाख करोड़ के मोनेटाइजेशन क्षमता का अनुमान है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 23, 2021 1:16 PM IST

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) का ऐलान किया है। सीतारमण ने कहा कि संपत्ति का स्वामित्व सरकार के पास रहेगा और केवल कम उपयोग की गई संपत्ति का मुद्रीकरण किया जाएगा। एनएमपी योजना में सड़क और रेलवे संपत्ति, और हवाई अड्डों से लेकर बिजली transmission लाइनों और गैस पाइपलाइनों तक के क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल होगी। 

उन्होंने कहा कि सरकार (Modi Government) किसी भी संपत्ति को नहीं बेचेगी। राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (National Monetisation Pipeline) ब्राउनफील्ड संपत्तियों के बारे में है जिनके लिए बेहतर मोनेटाइजेशन की आवश्यकता है। वित्त मंत्री ने कहा कि ब्राउनफील्ड संपत्तियों का मुद्रीकरण निजी भागीदारी लाकर किया जाएगा। निजी प्रतिभागियों को एक निश्चित अवधि के बाद संपत्ति को सरकार को सौंपना होगा। मंत्री ने कहा कि मुद्रीकरण अभ्यास के माध्यम से प्राप्त धन को बुनियादी ढांचे के निर्माण में लगाया जाएगा।

Finance Minister निर्मला सीतारमण ने कहा कि निजी भागीदारी लाकर, हम इसे (परिसंपत्तियों) का बेहतर मुद्रीकरण करने जा रहे हैं और मुद्रीकरण से जो भी संसाधन मिले हैं, वह बुनियादी ढांचे के निर्माण में और निवेश करने में सक्षम हैं।

नीति आयोग के अध्यक्ष बोले-निजी क्षेत्र को लाना आवश्यक है

नीति आयोग (NITI Aayog) के सीईओ (CEO) अमिताभ कांत (Amitabh Kant) ने कहा, हमें लगता है कि बेहतर संचालन और रखरखाव के लिए निजी क्षेत्र को लाना बहुत महत्वपूर्ण है। हम राष्ट्रीय मुद्राकरण पाइपलाइन को सफलता प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। कहा कि 4 वर्षों में रेल, सड़क, बिजली क्षेत्रों में 6 लाख करोड़ रुपये की इन्फ्रा संपत्ति का मुद्रीकरण किया जाएगा।

बता दें कि राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (NMP) ने वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2025 तक 4 साल की अवधि में केंद्र सरकार की मुख्य संपत्तियों के माध्यम से 6 लाख करोड़ के मोनेटाइजेशन क्षमता का अनुमान है। 

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