अमित शाह ने लोकसभा में पेश किए जम्मू-कश्मीर पर दो बिल, बोले-इंग्लैंड में छुट्टी मनाकर नहीं जान सकते कश्मीरियों का दर्द

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2023 पर भाषण दिया।

 

Vivek Kumar | Published : Dec 6, 2023 10:16 AM IST / Updated: Dec 06 2023, 03:56 PM IST

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में दो बिल (जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर भाषण दिया। उन्होंने कांग्रेसी पर बिना नाम लिए निशाना साधा और कहा कि इंग्लैंड में छुट्टी मनाकर कश्मीरियों का दर्द नहीं जान सकते।

अमित शाह ने कहा, "जो बिल मैं यहां लाया हूं वह उन लोगों को न्याय और अधिकार दिलाने से संबंधित है जिनके खिलाफ अन्याय हुआ। उनका अपमान हुआ और अनदेखी की गई। किसी भी समाज में जो वंचित हैं, उन्हें आगे लाना चाहिए। भारत के संविधान की मूल भावना है कि वंचितों को इस तरह से आगे लाना है जिससे उनका सम्मान कम न हो। अधिकार देना और सम्मानपूर्वक अधिकार देना दोनों में बहुत बड़ा अंतर है।"

Latest Videos

अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से जुड़े दोनों विधेयक पिछले 70 वर्षों से अपने अधिकारों से वंचित लोगों को न्याय देंगे। अगर वोट बैंक की राजनीति पर विचार किए बिना आतंकवाद से शुरुआत में ही निपट लिया गया होता तो कश्मीरी पंडितों को घाटी नहीं छोड़नी पड़ती।

जिन्हें पलायन रोकना था, वे छुट्टियां मना रहे थे

गृह मंत्री ने कहा, "1980 के दशक के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का युग था। वह भयावह समय था। जो लोग इस भूमि को अपना देश मानकर रहते थे, उन्हें बाहर निकाल दिया गया। उन्हें अपनी करोड़ों रुपए की संपत्ति छोड़कर भागना पड़ा। किसी ने उनकी परवाह नहीं की। उनकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया गया। जिन्हें इसे रोकने के लिए आगे आना चाहिए था, वे इंग्लैंड में छुट्टियों का आनंद ले रहे थे। इंग्लैंड में छुट्टी मनाकर कश्मीरियों का दर्द नहीं जान सकते।"

यह भी पढ़ें- लोकसभा में बोले अमित शाह- 'पीएम मोदी ने एक झंडा, एक संविधान का संकल्प लिया है'

उन्होंने कहा, "आतंकवाद के चलते कश्मीरी पंडितों को विस्थापित होना पड़ा। उन्हें अपने देश में शरणार्थी के रूप में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। लगभग 46,631 परिवार अपने ही देश में विस्थापित हो गए। यह विधेयक उन्हें अधिकार दिलाने के लिए है। जम्मू-कश्मीर विधेयक उन लोगों को विधानसभा में प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान करता है जिन्हें आतंकवाद के कारण कश्मीर छोड़ना पड़ा।

यह भी पढ़ें- राजस्थान के 4 सांसदों ने दिया इस्तीफा, जानें क्या है इसका कारण और अब वे क्या करेंगे?

गृह मंत्री ने कहा, "पाकिस्तान ने 1947 में कश्मीर पर हमला किया, जिसमें लगभग 31,789 परिवार विस्थापित हुए। 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान 10,065 परिवार विस्थापित हुए। 1947, 1965 और 1969 के इन तीन युद्धों के दौरान कुल 41,844 परिवार विस्थापित हुए। यह यह बिल उन लोगों को अधिकार और प्रतिनिधित्व देने का प्रयास है।"

Share this article
click me!

Latest Videos

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किया बीजेपी के बड़े खेल का खुलासा #Shorts #RahulGandhi
Vinesh Phogat Joins Congress: आते ही विनेश फोगाट ने दिखा दिए अपने तेवर, BJP का चिट्ठा खोला
Ganesh Chaturthi 2024: देखें लालबागचा राजा की मंत्रमुग्ध कर देने वाली पहली झलक | LaLbaugcha Raja
पहली लिस्ट जारी होते ही Haryana BJP में लगी इस्तीफों की होड़, 250 नेताओं का हुआ मोहभंग
Dharmpal Singh Video Viral: 'पुलवामा क्या है' फंस गए योगी के मंत्री #Shorts