डिप्टी CM मनीष सिसोदिया पर 'फीडबैक यूनिट' जासूसी मामले में गृहमंत्रालय ने दी CBI को FIR दर्ज करने की परमिशन

'आबकारी नीति' घोटाले में उलझे दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के सामने अब एक नया संकट आकर खड़ा हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 'फीडबैक यूनिट' कथित जासूसी मामले में मनीष सिसोदिया पर केस चलाने की मंजूरी दे दी है।

नई दिल्ली.'आबकारी नीति' घोटाले में उलझे दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के सामने अब एक नया संकट आकर खड़ा हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 'फीडबैक यूनिट' कथित जासूसी मामले में मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस चलाने की मंजूरी दे दी है। 8 फरवरी को सीबीआई ने गृह मंत्रालय से मनीष सिसोदिया के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी।

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हुआ यूं था कि 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के कुछ महीने बाद ही आम आदमी पार्टी(AAP) ने फीडबैक यूनिट(Feedback Unit-FBU) का गठन किया था। इसका मकसद सतर्कता विभाग(vigilance department) को मजबूत करना बताया गया था। लेकिन इसके खिलाफ CBI को किसी ने शिकायत की थी। हालांकि यह जांच कछुआ गति से चलती रही। सीबीआई ने जांच के बाद 12 जनवरी, 2023 को सतर्कता विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज करने के लिए उप राज्यपाल से परमिशन मांगी थी। एलजी ने इसे गृहमंत्रालय के पास भेजा था।

शिकायत में दावा किया गया कि FBU सतर्क विभाग से संबंधित मामलों के बजाय राजनीतिक खुफिया जानकारी जुटा रहा था। एजेंसी का दावा है कि यह यूनिट दिल्ली सरकार के हित में न होकर सिसोदिया और AAP के व्यक्तिगत फायदों के लिए काम कर रही है।

इस मामले को लेकर पिछले दिनों भाजपा ने विरोध प्रदर्शन भी किया था। भाजपा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि यह यूनिट असंवैधानिक है। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने जनप्रतिनिधियों और दिल्ली पर नजर रखने इस यूनिट का गठन किया। इसकी जिम्मेदारी रिटायर्ड DGP को सौंपी।

मनीष सिसौदिया दिल्ली की विवादास्पद आबकारी नीति मामले में भी भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दायरे में हैं। ईडी पहले ही कह चुकी है कि AAP सरकार ने जो शराब बिक्री नीति लागू की थी, उसमें करीब 100 करोड़ रुपये के रिश्वत की लेनदेन की गई थी। ईडी का दावा है कि सिसोदिया सहित तीन दर्जन से अधिक वीवीआईपी ने कथित तौर पर डिजिटल साक्ष्य मिटाने के लिए 140 से अधिक मोबाइल फोन तोड़ दिए। 19 फरवरी को CBI ने सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि उन्होंने बजट बनाने की बात कहकर सीबीआई से थोड़ा और समय देने की मांग की थी। लिहाजा अब उन्हें नया नोटिस भेजा जाएगा। क्लिक करके पढ़ें पूरी डिटेल्स

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