केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दिल्ली के सीएम और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर कहा है कि अगर वे ईडी के साथ सहयोग करते तो उन्हें ये दिन नहीं देखने पड़ते। कोई व्यक्ति सिर्फ इसलिए जांच से नहीं बच सकता कि वह बड़ा नेता है।
नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति मामले में हुए भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी (Enforcement Directorate) ने गुरुवार को दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। इस मामले में विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA के नेता केंद्र सरकार के खिलाफ बयान दे रहे हैं। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ऐसे लोगों को जवाब दिया है। इसके साथ ही उन्होंने बारीकी से समझाया है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी की नौबत क्यूं आई।
राजीव चंद्रशेखर ने कहा, "अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर विपक्ष की प्रतिक्रिया हैरानी भरी है। यह बहुत अधिक विडम्बना की बात है। क्योंकि केजरीवाल को ईडी ने चार बार नोटिस दिया था। उन्होंने ईडी के नोटिस को नजरअंदाज किया। वह कोर्ट गए, लेकिन राहत नहीं मिली। ईडी ने चार बार अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए पेश होने का नोटिस दिया, लेकिन वह नहीं गए। ईडी के अधिकारी उनसे दिल्ली शराब घोटाला मामले में पूछताछ करना चाहते थे। ईडी द्वारा भ्रष्टाचार के मामले की जांच की जा रही है। अरविंद केजरीवाल लगातार जांच का विरोध कर रहे थे।"
अन्ना हजारे के साथ विरोध प्रदर्शन के समय कानून के शासन पर खूब बोलते थे केजरीवाल
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "यह अरविंद केजरीवाल जैसे व्यक्ति के लिए बहुत बड़ी गिरावट है। अन्ना हजारे के साथ विरोध प्रदर्शन के दौरान वह कानून के शासन के बारे में खूब बातें करते थे। अरविंद केजरीवाल को समझना चाहिए, इसी तरह कांग्रेस के लोगों और इंडी अलायंस के लोगों को भी समझना चाहिए कि कानून और कानून का पालन नहीं करने के नतीजे सिर्फ इसलिए नहीं रुक सकते कि आप नेता हैं। आज हर भारतीय के लिए एक समान कानून है।"
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उन्होंने कहा, "अगर आप भ्रष्टाचार में शामिल हैं तो कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा। चाहे आप अरविंद केजरीवाल हों या इंडी अलायंस के कोई और बड़े नेता। इंडी अलायंस के सहयोगियों ने राष्ट्रीय स्तर का ड्रामा रचाया है। इनमें से बहुत से लोग भ्रष्टाचार के मामले में उलझे हुए हैं। अरविंद केजरीवाल कभी खुद को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का पोस्टर बॉय बताते थे। आज खुद दिल्ली शराब नीति मामले में भ्रष्टाचार के आरोपी हैं। उन्हें भागने की जगह जांच एजेंसी के साथ सहयोग करना चाहिए। अगर आप जांच से भागते हैं तो इसके नतीजे भुगतने होते हैं।"