यूएन ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट: दुनिया में 134वें पायदान पर आया भारत, मध्यम मानव विकास श्रेणी में रखा गया

Published : Mar 14, 2024, 07:26 PM ISTUpdated : Mar 15, 2024, 12:11 AM IST
United Nations Climate Change Conference 2021

सार

भारत में औसत जीवन प्रत्याशी 62.7 वर्ष से बढ़कर 2022 में 67.7 वर्ष हो चुकी है। यूएन रिपोर्ट की मानें तो देश की ग्रॉस नेशनल इनकम यानी जीएनआई भी 6951 डॉलर प्रति व्यक्ति हो चुकी है। पिछले 12 महीनों में यह 6.3 प्रतिशत की छलांग लगाई है।

UN HDI report: संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक मानव विकास रिपोर्ट में भारत, दुनिया के 193 देशों में 134वें पायदान पर है। मानव विकास श्रेणी में भारत को मध्यम मानव विकास कैटेगरी में रखा गया है। हालांकि, भारत में औसत जीवन प्रत्याशी 62.7 वर्ष से बढ़कर 2022 में 67.7 वर्ष हो चुकी है। यूएन रिपोर्ट की मानें तो देश की ग्रॉस नेशनल इनकम यानी जीएनआई 6951 डॉलर प्रति व्यक्ति है। पिछले 12 महीनों में यह 6.3 प्रतिशत की छलांग लगाई है। यही नहीं, यूएन की ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में स्कूली शिक्षा में भी करीब 12.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

यूएन एचडीआई रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में देश का एचडीआई स्कोर 0.644 है। इस स्कोर के हिसाब से संयुक्त राष्ट्र की 2023/24 की रिपोर्ट - 'ब्रेकिंग द ग्रिडलॉक: रीइमेजिनिंग कोऑपरेशन इन ए पोलराइज्ड वर्ल्ड' में इसे 193 में से 134वां स्थान दिया गया है। इसलिए भारत को 'मध्यम मानव विकास' श्रेणी में रखता है।

क्या है एचडीआई स्कोर?

एचडीआई का हिसाब किताब, मानव विकास के तीन बुनियादी आयामों-लंबा और स्वस्थ जीवन, शिक्षा तक पहुंच और सभ्य जीवन स्तर के लिए औसत उपलब्धियों के आंकलन से सामने आता है। यानी कि किसी भी देश के नागरिकों का लंबा और स्वस्थ जीवन कितना है, उनकी शिक्षा तक पहुंच कैसी है और जीवन की बुनियादी सुविधाएं उनको प्राप्त है या नहीं।

लैंगिक असमानता रिपोर्ट

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत ने लैंगिक असमानता को कम करने में प्रगति प्रदर्शित की है, जिसका लिंग असमानता सूचकांक या जीआईआई 0.437 है। यह वैश्विक औसत से बेहतर है। जीआईआई सूची में तीन प्रमुख आयामों - प्रजनन स्वास्थ्य, सशक्तिकरण और श्रम बाजार भागीदारी- पर देशों की रैकिंग में भारत 166 देशों में से 108वें स्थान पर है।

दुनिया में बढ़ी अमीर और गरीब के बीच की खाई

वैश्विक एचडीआई मूल्यों में लगातार दूसरे वर्ष गिरावट आई है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि अमीर और गरीब देशों के बीच असमानता बढ़ी है। कोविड महामारी के बाद यह निरंतर जारी है। संकट से पहले, दुनिया 2030 तक औसत 'बहुत उच्च' एचडीआई तक पहुंचने की राह पर थी लेकिन अचानक से गिरावट आने लगी है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि दुनिया में अपेक्षित मानव विकास नहीं हो रहा है।'आंशिक' सुधार सबसे गरीब लोगों को पीछे छोड़ रहा है, असमानता बढ़ रही है और वैश्विक स्तर पर राजनीतिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा मिल रहा है।

यह भी पढ़ें:

इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा हुआ इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर अपलोड, चुनाव आयोग ने दी जानकारी

PREV

Recommended Stories

NDA मीटिंग में PM मोदी का सम्मान क्यों किया गया? विंटर सेशन के 7वें दिन संसद में क्या होने वाला है?
Sonia Gandhi's Birthday: PM मोदी ने सोनिया गांधी को दी जन्मदिन की बधाई