
UN Weather Agency Alert. संयुक्त राष्ट्र की मौसम एजेंसी ने कहा है कि ग्रीनहाउस गैस और अल नीनो मिलकर दुनिया का तापमान पढ़ा रहे हैं। इसकी वजह से अगले 5 साल तक पूरी दुनिया को भयंकर गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन का दावा है कि पेरिस जलवायु समझौते जो वैश्विक तापमान सेट किया गया था, उससे कहीं ज्यादा गर्मी का सामना दुनिया को करना पड़ेगा।
2015-22 तक पड़ी सबसे भयंकर गर्मी
यूएन की वेदर एजेंसी ने कहा कि 2015 से लेकर 2022 तक के साल में सबसे ज्यादा गर्मी महसूस की गई है। दुनिया में क्लाइमेट चेंज की वजह से यह गर्मी और बढ़ने वाली है। माना जा रहा है कि 98 प्रतिशत यह संभावना है कि अगले 5 साल यानि 2022 से 2027 के बीच सबसे ज्यादा गर्मी पड़ेगी। यह गर्मी उन ठंडे देशों के तापमान को भी पिघला देगी, जहां अक्सर बर्फ पड़ती रहती है। इसके साथ ही दक्षिण एशियाई देश, मध्य के देशों में गर्मी का सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा।
यूएन ने बताया कैसा रहेगा धरती का तापमान
यूनाइटेड नेशंस की वेदर एजेंसी ने कहा है कि 2023 से 2027 के बीच वार्षिक वैश्विक तापमान में करीब 1.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो जाएगी। इन पांच सालों की बात करें तो प्रतिवर्ष यह तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस से 1.8 डिग्री सेल्सियस के बीच बढ़ता रहेगा। यूएन वेदर एजेंसी के प्रमुख ने बताया कि दुनिया के लिए खतरे की घंटी बज रही है। इसी तरह से तापमान में बढ़ोतरी हुई तो दुनिया के सामने नया चैलेंज खड़ा हो जाएगा।
यूएन ने कहा- इस तरह से होगा मौसम में बदलाव
यूएन वेदर एजेंसी की मानें तो इस दौरान मौसम में कबी भी बदलाव महसूस किया जाएगा। बेमौसम बारिश होने लगेगी, प्रचंड गर्मी पड़ेगी और गर्मी के दिनों में भी सर्दी का अहसास हो सकता है। इसी बीच अल नीनो के भी विकसित होने की संभावना है और 2024 में अल नीनो के कारण गर्मी में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। अनुमान लगाया गया है कि जुलाई के अंत तक और सिंतबर के बीच अल नीनो का डेवलपमेंट तेजी से होगा।
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