UP Election 2022: साइन लैंग्वेज के जरिए चुनाव प्रचार करने वाली पहली पार्टी बनी भाजपा, जानें क्या दिया मैसेज

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Election 2022) में भाजपा ने साइन लैंग्वेज यानी सांकेतिक भाषा के जरिए भी चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। भाजपा ऐसा करने वाली देश की पहली पार्टी बन गई है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 19, 2022 12:12 PM IST / Updated: Feb 19 2022, 05:50 PM IST

नई दिल्ली। भाजपा देश में मुख्य धारा की पहली ऐसी पार्टी बन गई है, जिसने चुनाव प्रचार अभियान में अपनी नीतियां और घोषणा पत्र को दिव्यांग मतदाताओं तक पहुंचाने के लिए सांकेतिक भाषा यानी साइन लैंग्वेज का उपयोग करना शुरू कर दिया है। भाजपा ने उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान के तहत वीडियो की एक श्रंखला जारी  की है। इसमें साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट योगी आदित्यनाथ सरकार की नीतियों को सांकेतिक भाषा के जरिए बताते दिख रहे हैं। 

पार्टी ने इस कदम के जरिए  समाज के सभी वर्गों को एक साथ लाने और उन तक अपने  संदेश पहुंचाने का मजबूत विकल्प दिया है। भाजपा प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान के मुताबिक, हमारी पार्टी का स्लोगन है सबका साथ-सबका विश्वास। वास्तविकता में हम लाइन में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने में विश्वास करते हैं। यह लिंग, जाति और यहां तक कि दिव्यांगों के मामले भी लागू होता है। जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, हम जानते हैं कि दिव्यांग वर्ग पर ज्यादा से ज्यादा  ध्यान दिया गया है। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र ने कई सरकारी कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं। पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर्स को दिव्यांगों के अनुरुप बनाया जा रहा है। ऐसे में मुझे लगता है कि साइन लैंग्वेज वाले ये वीडियो उसी दिशा में एक सशक्त कदम है।  

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पार्टी ने साइन लैंग्वेज के जरिए मैसेज क्या दिया  
- हर निर्माण श्रमिक को मिलेगा एक लाख तक बिना गारंटी लोन। 
- मेरठ, गोरखपुर, काशी, बरेली, प्रयागराज और झांसी में चलेगी मेट्रो।
- एंबुलेंस की संख्या को दोगुनी करेंगे। गांव-गांव तक सुविधा पहुंचाएंगे। 
- लव जिहाद पर कसेंगे लगाम, दस साल की सजा और एक लाख का जुर्माना 
- कॉलेज जाने वाली मेधावी छात्राओं को मुफ्त स्कूटी। 
- बढ़ेगी सुविधा, खुशहाल होगा गन्ना किसान। 14 दिनों में होगा भुगतान, मिलेगा ब्याज अगर देरी से हुआ भुगतान। 
- गरीब बेटियों के सामूहिक विवाह में एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता मिलेगी। 
- हर गरीब-बेघर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा और घुमंतु को भूमि पट्टा और पक्का मकान। 
- आतंकवाद को हराएंगे, मेरठ, रामपुर, आजमगढ़, कानपुर और बहराइच में एंटी टेररिस्ट कमांडो सेंटर्स बनाएंगे। 
- किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली। 
- गरीबों को उपलब्ध कराएंगे न्यूनतम मूल्य पर मां अन्नापूर्णा कैंटीन में भोजन।
- स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी एक करोड़ महिलाओं को एक लाख तक का क्रेडिट कार्ड। 
- बढ़ेंगी सरकारी भर्तियां। तत्काल करेंगे खाली पदों पर नियुक्तियां। 
- मिलेगा हर परिवार को कम से कम एक रोजगार या स्वरोजगार का अवसर। 
- नारी को बनाएंगे और सशक्त, सरकारी नौकरियों में महिलाओं की भर्ती होगी दोगुनी। 
- स्मार्ट शिक्षा की ओर बढ़ेंगे कदम, 30 हजार माध्यमिक विद्यालयों का होगा नवीनीकरण। 
- युवाओं को सक्षम बनाएगी सरकार, मिलेगा दो करोड़ टैबलेट्स या स्मार्टफोन का उपहार। 
- दिव्यांग, वृद्ध, विधवा और निराश्रित महिलाओं की  सालाना  पेंशन बढ़ाकर करेंगे 18 हजार रुपए। 
- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना सहायता 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार करेंगे। 

साइन लैंग्वेज सेंटर स्थापित करने की तैयारी

देश में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर शामिल हैं। तमाम राजनीतिक दल इन राज्यों में चुनाव प्रचार अभियान में जुटे हैं। जनता से दावे और वादे किए जा रहे हैं। इसके लिए जनसंपर्क अभियान, चुनावी रैली, जनसभा, नुक्कड़ नाटक, डोर-टू-डोर कैंपेनिंग समेत वर्चुअल मैसेज, ऑडियो मैसेज के जरिए अपने संदेश और अपनी बातें जनता तक पहुंचाई जा रही हैं। मगर एक राजनीतिक दल ऐसा भी है, जिसने इन सभी तकनीक के अलावा, साइन लैंग्वेज को भी जनता तक अपनी बात पहुंचाने का माध्यम बनाया है। हालांकि, इंडियन साइन लैंग्वेज को विकसित करने और इसे दिव्यांग जनता के बीच लाने के लिए केंद्र सरकार पहले से काम कर रही है। केंद्र एक ऐसे ही सेंटर की स्थापना की भी तैयारी कर रही है। 

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