भारत-कनाडा विवाद में अमेरिका की एंट्री,कहा- आरोप गंभीर,जांच में सहयोग करे भारत

भारत-कनाडा में बढ़ते विवाद के बीच अब अमेरिका भी कूद पड़ा है। खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के आरोपों पर अमेरिका ने कहा है कि कनाडा के आरोप गंभीर हैं और इसमें भारत को जांच में मदद करनी चाहिए।

Ganesh Mishra | Published : Oct 16, 2024 4:19 AM IST / Updated: Oct 16 2024, 09:56 AM IST

India-Canada Row: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत और कनाडा के बीच संबंध एक बार फिर बिगड़ते दिख रहे हैं। इसी बीच, इस पूरे विवाद में अब अमेरिका भी कूद पड़ा है। अमेरिका ने कहा है कि कनाडा द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर हैं। भारत को इसके लिए जांच में सहयोग करना चाहिए। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक बयान में कहा- हम चाहते हैं कि कनाडा के आरोपों को लेकर भारत सरकार जांच में मदद करे, लेकिन भारत ने एक वैकल्पिक रास्ता चुना है।

पहले भी कनाडा का पक्ष ले चुका अमेरिका

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बता दें कि ये पहली बार नहीं है, जब अमेरिका ने कनाडा का पक्ष लेते हुए कूटनीतिक बयान दिया है। इससे पहले, जब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो ने संसद में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था तो इस पर सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। भारत के रिएक्शन पर अमेरिका ने तब भी कहा था कि उसे कनाडा की जांच में सहयोग करना चाहिए।

कैसे बढ़ा भारत-कनाडा विवाद?

दरअसल, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने सोमवार को कहा था कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय अधिकारी शामिल थे। हमने इस मामले में भारत का सहयोग मांगा तो उन्होंने हमारी मांग ठुकरा दी। जस्टिन ट्रुडो के इस बयान के बाद दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक संबंध एक बार फिर बिगड़ गए। कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली के मुताबिक, हमने भारत से उनके 6 डिप्लोमैट्स से पूछताछ करने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने हमारी बात ठुकरा दी। ऐसे में हमें उन्हें निष्कासित करना पड़ा। बता दें कि कनाडा के इस एक्शन पर रिएक्ट करते हुए भारत ने भी उनके 6 राजनयिकों को 19 अक्टूबर की रात 12 बजे तक भारत छोड़ने के लिए कहा है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 18 जून 2023 को कनाडा के सरे शहर में स्थित एक गुरुद्वारे के बाहर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कुछ अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने सितंबर, 2023 में कहा कि इस हत्या के पीछे भारतीय एजेंट्स का हाथ है। ट्रुडो के गंभीर आरोपों का जवाब देते हुए भारत ने कहा- इस तरह के आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं। कनाडा ने इस मामले में कोई सबूत नहीं दिए हैं। इस मामले के बाद दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट बढ़ गई। 14 अक्टूबर, 2024 को ट्रुडो सरकार ने एक बार फिर निज्जर की हत्या में भारतीय राजनयिकों के शामिल होने की बात दोहराई। इसके बाद भारत ने अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा समेत बाकी डिप्लोमैट्स को वापस बुला लिया। साथ ही कनाडा के 6 राजनयिकों को तत्काल प्रभाव से 19 अक्टूबर तक देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है।

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