जन की बात ने उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर लोगों की नब्ज टटोली। सर्वे 20 सितंबर से 26 सितंबर के बीच किया गया। इस सर्वे में लोगों से कई सवाल पूछे गए। आईए जानते हैं कि किन किन मुद्दों पर क्या है लोगों की राय...
नई दिल्ली। उत्तराखंड (Uttarakhand) में लगातार मुख्यमंत्री (Chief Minister) बदलने वाली बीजेपी (BJP) को कांटे का टक्कर होने वाले विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Elections 2022) में मिलने वाला है। जन की बात सर्वे (Jan ki Baat Survey) के अनुसार 45 प्रतिशत वोटर्स को लगता है कि अगर आज चुनाव हो जाए तो बीजेपी फिर सरकार बना सकती है। लोगों का मानना है कि आम आदमी पार्टी की बढ़त कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचाएगी। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार सीएम पद के लिए बीजेपी का सबसे लोकप्रिय चेहरा हरीश रावत हैं। बीजेपी के 60 प्रतिशत विधायकों के खिलाफ एंटी-इनकम्बेंसी वोटिंग हो सकती है।
कब से कबतक हुआ सर्वे
जन की बात ने उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर लोगों की नब्ज टटोली। सर्वे 20 सितंबर से 26 सितंबर के बीच किया गया। इस सर्वे में लोगों से कई सवाल पूछे गए। आईए जानते हैं कि किन किन मुद्दों पर क्या है लोगों की राय...
1: अगर आज ही चुनाव हो तो कौन जीतेगा उत्तराखंड में, किसकी बनेगी सरकार?
जन की बात सर्वे के अनुसार उत्तराखंड में 45 प्रतिशत ने बीजेपी कहा बीजेपी की सरकार बनेगी, 43 प्रतिशत ने कहा कांग्रेस सरकार बनाएगी जबकि 12 प्रतिशत ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी।
सर्वे के अनुसार 45 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अगर आज चुनाव हो तो बीजेपी की सरकार बन सकती है। जबकि 43 प्रतिशत लोगों का कहना है कि इस बार बीजेपी की राह में काफी मुश्किलें हैं। कांग्रेस भी सरकार बना सकती है। वहीं 12 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उत्तराखंड में मुकाबला त्रिकोणीय है और आम आदमी पार्टी की भी सरकार बन सकती है।
2: क्या वर्तमान मुख्यमंत्री के खिलाफ एंटी-इनकम्बेंसी लहर है?
सर्वे के अनुसार उत्तराखंड के 45 प्रतिशत लोगों का मानना है कि वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ कोई एंटी इनकम्बेंसी नहीं है। जबकि 36 प्रतिशत का मानना है कि सीएम का विरोध है। वहीं 19 प्रतिशत ने कोई जानकारी नहीं होने की बात कही है।
सर्वे में विश्लेषण किया गया है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस द्वारा उत्तराखंड में सीएम की क्षमता पर सवाल उठाने के बावजूद 45 प्रतिशत लोगों का उनको समर्थन प्राप्त है। जबकि 36 प्रतिशत लोगों का कहना है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी का विरोध है और 19 प्रतिशत किसी भी नतीजे पर नहीं हैं। सर्वे के अनुसार 19 प्रतिशत अनिश्चिक वोटर पक्ष या विपक्ष दोनों में जिस तरह जाएंगे उसे फायदा कर सकते।
3: क्या बीजेपी सरकार के विरोध में एंटी-इनकंबेंसी है?
सर्वे के अनुसार 55 प्रतिशत लोगों ने कहा कि बीजेपी की उत्तराखंड सरकार के खिलाफ कोई एंटी-इनकंबेंसी नहीं है। जबकि 32 प्रतिशत ने बताया कि बीजेपी सरकार की खिलाफत है। वहीं 13 प्रतिशत ने कहा कि वह नहीं जानतें। सर्वे के अनुसार उत्तराखंड में तीन बार बीजेपी ने अपना सीएम बदला लेकिन लोगों के गुस्से के बावजूद मोदी फैक्टर हावी है।
4: क्या बीजेपी विधायकों के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी है?
सर्वे के अनुसार 60 प्रतिशत बीजेपी विधायकों के खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी है। महज 28 प्रतिशत ने माना कि विधायकों का क्षेत्र में विरोधी लहर नहीं है। जबकि 12 प्रतिशत लोगों ने कोई जवाब नहीं दिया। सर्वे में कहा गया है कि इस बार टिकट का बंटवारा काफी मुश्कल भरा फैसला होगा बीजेपी के लिए, क्योंकि 60 प्रतिशत विधायकों का क्षेत्र में विरोध है।
5: कौन है मुख्यमंत्री पद का सबसे पसंदीदा चेहरा?
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में सीएम पद के लिए 40 प्रतिशत लोगों का मानना है कि कांग्रेस के पूर्व सीएम हरीश रावत सबसे पसंदीदा चेहरा हैं। जबकि वर्तमान मुख्यमंत्री व बीजेपी नेता पुष्कर धामी को 25 प्रतिशत ने पसंदीदा सीएम चेहरा बताया। बीजेपी के राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी को 19 प्रतिशत ने बताया सीएम के लिए पसंदीदा चेहरा। वहीं, आम आदमी पार्टी के अजय कोठियाल को 7 प्रतिशत ने अपना पसंदीदा चेहरा बताया। वहीं सात प्रतिशत ने किसी को भी पसंदीदा नहीं बताया।
6: विधानसभा चुनाव में कौन-कौन से मुद्दे हैं जनता के?
सर्वे के अनुसार बेरोजगारी उत्तराखंड का सबसे बड़ा मुद्दा है। सर्वे में शामिल 43 प्रतिशत ने कहा कि बेरोजगारी चुनावी मुद्दा है। जबकि 20 प्रतिशत लोगों ने कहा स्वास्थ्य व पेयजल यहां सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा होगा। 13 प्रतिशत ने कहा शिक्षा बड़ा चुनावी मुद्दा है जबकि छह प्रतिशत ने कोविड-19 को चुनावी मुद्दा बताया और नौ प्रतिशत लोगों ने इंफ्रास्ट्रक्चर को चुनावी मुद्दा इस बार बताया। नौ प्रतिशत लोगों ने अन्य मुद्दे गिनाए।
7: बीजेपी को नुकसान किस वजह से हो रहा?
सर्वे में शामिल लोगों में 64 प्रतिशत का मानना था कि मुख्यमंत्री लगातार बदलने की वजह से उत्तराखंड में बीजेपी को नुकसान हुआ। जबकि 36 प्रतिशत ने कहा कि उत्तराखंड 2022 के चुनाव में सीएम बदलने की वजह से कोई नुकसान नहीं होगा।
8: क्या उत्तराखंड सरकार कोविड-19 की लड़ाई बेहतर तरीके से लड़ी?
सर्वे में शामिल 53 प्रतिशत लोगों ने कहा कि राज्य सरकार के कोरोना से लड़ाई लड़ने के मसले पर संतुष्ट हैं। जबकि 47 प्रतिशत ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना की लड़ाई लड़ने में विफल साबित हुई।
जानिए उत्तराखंड में प्रमुख जातियों का किस ओर है झुकाव?
9: उत्तराखंड का ब्राह्मण किस पार्टी को करेगा वोट?
सर्वे के अनुसार राज्य का 62 प्रतिशत ब्राह्मण वोटर बीजेपी की ओर झुका हुआ है। 34 प्रतिशत ब्राह्मण वोटर कांग्रेस के पक्ष में है। जबकि 4 प्रतिशत ब्राह्मणों का झुकाव आम आदमी पार्टी की ओर है।
10: उत्तराखंड का ठाकुर वोटर किसकी ओर?
सर्वे के अनुसार 50 प्रतिशत क्षत्रिय या ठाकुर वोटर बीजेपी की ओर झुकाव है जबकि 47 प्रतिशत ठाकुर वोटर्स कांग्रेस के साथ खड़ा है।
11: उत्तराखंड का ओबीसी किस ओर जाएगा?
सर्वे में बताया गया है कि 62 प्रतिशत ओबीसी इस बार बीजेपी के साथ है जबकि 32 प्रतिशत ओबीसी वोटर कांग्रेस के साथ है तो सात प्रतिशत ओबीसी वोटर आम आदमी पार्टी की ओर है।
12: उत्तराखंड का दलित क्या करेगा चुनाव में निर्णय?
सर्वे के अनुसार उत्तराखंड का 59 प्रतिशत दलित कांग्रेस के साथ है जबकि 34 प्रतिशत बीजेपी के साथ है। सात प्रतिशत दलित वोटर्स आम आदमी पार्टी के साथ है।
13: उत्तराखंड का मुसलमान बनवाएगा किसी सरकार?
सर्वे के अनुसार उत्तराखंड में 78 प्रतिशत मुसलमान कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए वोट करेगा। जबकि 8 प्रतिशत मुसलमान बीजेपी के पक्ष में है तो मुसलमानों का 14 प्रतिशत वोट शेयर आम आदमी पार्टी के पास है।
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