उत्तराखंड: सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को निकालने में लग सकते हैं दो दिन, थाई गुफा बचाव विशेषज्ञ से किया गया संपर्क

Published : Nov 17, 2023, 07:03 AM ISTUpdated : Nov 17, 2023, 07:05 AM IST
Uttarkashi tunnel

सार

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए सुरंग (Uttarkashi tunnel) हादसे में फंसे 40 मजदूरों को बचाने का अभियान चल रहा है। उम्मीद है कि दो दिन में उन्हें बाहर निकाल लिया जाएगा। बरमा ड्रिलिंग मशीन की मदद से मलबे के बीच से लोहे की पाइप डाली जा रही है।

उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिल्कयारा में एक निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे (Uttarkashi tunnel accident) के बाद अंदर फंस 40 मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव अभियान का शुक्रवार को छठा दिन है। उम्मीद की जा रही है कि दो दिन में इन मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। भूस्खलन के चलते बचाव अभियान में बाधा पड़ी थी।

मलबा हटाने के लिए बरमा ड्रिलिंग मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। थाईलैंड के गुफा बचाव विशेषज्ञ से संपर्क किया गया है। सुरंग में फंसे मजदूरों को पाइप की मदद से ऑक्सीजन, पानी और भोजन दिया जा रहा है। उनसे बातचीत की जा रही है। बचाव अभियान में शामिल एक्सपर्ट सुरंग में फंसे मजदूरों के मानसिक स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे हैं।

इंडियन एयरफोर्स से बचाव अभियान में मिल रही मदद

24 टन वजनी अत्याधुनिक परफॉर्मेंस ऑगर ड्रिलिंग मशीन अगर अपनी क्षमता के अनुरूप ठीक से काम करेगी तो 5 मिमी प्रति घंटे की रफ्तार से सुरंग काटने में सक्षम होगी। बचाव अभियान में इंडियन एयरफोर्स से मदद मिल रही है। गुरुवार को हरक्यूलिस विमान द्वारा दिल्ली से ड्रिलिंग मशीन की तीन खेप चिन्यालीसौड़ हेलीपैड लाई गई। यह सुरंग से करीब 35 किलोमीटर दूर है। यहां से सड़क मार्ग से ड्रिलिंग मशीन को सुरंग तक लाया गया।

सुरंग वाली जगह नाजुक है पहाड़ों की स्थिति

जिस जगह सुरंग का निर्माण किया जा रहा है वहां के पहाड़ों की स्थिति नाजुक है। इसे देखते हुए नॉर्वे और थाईलैंड के विशेषज्ञों की मदद ली गई है। 50 मीटर मलबे के बीच से 800 मिमी और 900 मिमी की लोहे की पाइप डाली जा रही है। इसके लिए ड्रिलिंग मशीन से खुदाई कर मलबे को हटाया जा रहा है। पाइप डाले जाने के बाद सुरंग में फंसे मजदूर इसके अंदर घुसेंगे और रेंगते हुए बाहर आएंगे।

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जिस सुरंग का निर्माण किया जा रहा है वह महत्वाकांक्षी चार धाम ऑल वेदर रोड परियोजना का हिस्सा है। सुरंग का एक हिस्सा रविवार को भूस्खलन के कारण ढह गया था। 30 मीटर का ढहा हुआ खंड सिल्क्यारा की ओर से सुरंग के मुहाने से 270 मीटर दूर है।

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