8 POINTS: उजबेकिस्तान में 18 बच्चों की कफ सिरप पीने से हुई मौतों पर भारत सरकार का बड़ा एक्शन

भारत सरकार ने उजबेकिस्तान में 18 बच्चों की मौतों का मामला सामने आने के बाद वहां की सरकार से संपर्क किया है। भारत सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि वह निष्पक्ष जांच कराएगी।

Made in India Cough syrup: उजबेकिस्तान में 18 बच्चों की मेड इन इंडिया कफ सिरप पीने से हुई कथित मौतों के बाद भारत सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यूपी के नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक के कफ सिरप डॉक्टर-1 मैक्स के प्रोडक्शन को बैन कर दिया है। इस कफ सिरप के सैंपल्स को चंडीगढ़ रीजनल मेडिसीन लैब में टेस्ट के लिए भेजा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.मनसुख मंडाविया ने बताया कि चंडीगढ़ से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार आगे कार्रवाई तय करेगी।

1 - भारत सरकार ने उजबेकिस्तान में 18 बच्चों की मौतों का मामला सामने आने के बाद वहां की सरकार से संपर्क किया है। भारत सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि वह निष्पक्ष जांच कराएगी।

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2 - उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मरने वाले बच्चों ने भारत के मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित कफ सिरप डॉक्टर-1 मैक्स का इस्तेमाल किया था। मैरियन बायोटेक, उत्तर प्रदेश के नोएडा में अपना प्रोडक्शन करती है।

3 - भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से कफ सिरप के प्रोडक्शन को रोकने का आदेश दिया है। मंत्रालय ने जांच शुरू करा दिया है। कफ सिरप के सैंपल्स को जांच के लिए भेज दिया गया है।

4 - स्वास्थ्य मंत्री डॉ.मनसुख मंडाविया ने कहा कि खांसी की दवाई के सैंपल्स को रीजनल ड्रग लैब भेज दिया गया है। लैब से मंत्रालय को रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। सीडीएससीओ-उत्तर क्षेत्र और उत्तर प्रदेश ड्रग कंट्रोलर एंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी की टीमें संयुक्त रूप से जांच कर रही हैं।

5 - उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत सरकार से रिपोर्ट साझा करते हुए बताया है कि कफ सिरप के एक बैच के लैब टेस्ट में एथिलीन ग्लाइकोल मिले हैं। एथिलीन ग्लाइकोल एक जहरीला पदार्थ है। उज्बेकिस्तान में सभी फार्मेसियों से डॉक्टर-1 मैक्स सिरप वापस ले लिए गए हैं।

6 - मंत्रालय ने यह भी बताया कि बिना डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन पर बच्चों को घर पर कफ सिरप दिया गया है। 

7 - सिरप बच्चों को मानक के अधिक भी दिए गए हैं। मंत्रालय ने कहा कि यह पाया गया कि अस्पताल में भर्ती होने से पहले बच्चों ने इस सिरप को 2-7 दिनों के लिए 2.5 से 5 मिलीलीटर की खुराक में दिन में तीन से चार बार लिया।

8 - 2022 के शुरूआत में गाम्बिया में कफ सिरप पीने से 70 बच्चों की मौत हो गई थी। इस कफ सिरप का निर्माण हरियाणा के मेडेन फार्मास्युटिकल्स द्वारा किया गया था। इस मामले के सामने आने के बाद प्रोडक्शन को सरकार ने बंद करा दिया था।

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