भारतीय सेना की सक्रिय सेवा में शामिल हुआ वराह, ये है नाम के पीछे की वजह

सार

पुराणों के मुताबिक ‘वराह’ भगवान विष्णु के तीसरे अवतार थे। तटरक्षक का ‘वराह’ देश के समुद्री हितों की सेवा एवं सुरक्षा करने में बल की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। इसकी लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के लिए इसमें दो तोपें लगाई गई हैं।

चेन्नई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को यहां चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट में तटरक्षक के गश्ती पोत ‘वराह’ को सक्रिय सेवा में औपचारिक रूप से शामिल कर दिया। पोत को सक्रिय सेवा में शामिल करने के समारोह में एक स्मृति पट्टिका का अनावरण करने के बाद सिंह ने कहा कि यह अत्याधुनिक जहाज भारतीय तटरक्षक की ताकत को और अधिक बढ़ाएगा।

पुराणों से लिया गया है नाम 
उन्होंने इसमें स्वदेशी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित दोहरे इंजन वाले एएलएच हेलीकॉप्टरों के संचालन क्षमता का भी जिक्र किया। सिंह अपनी दो दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को चेन्नई पहुंचे थे। उन्होंने कहा, यह वास्तव में भारतीय तटरक्षक, हमारे ‘समुद्र के प्रहरियों’ और लार्सन एंड टुब्रो (एल ऐंड टी) शिपबिल्डिंग लिमिटेड की बढ़ती ताकत का गवाह है। लार्सन एंड टुब्रो हमारे समुद्री बलों के लिये (साजो सामान के) उत्पादन एवं संसाधन के रखरखाव का एक मजबूत सहायक स्तंभ है। उन्होंने कहा कि ‘वराह’ नाम पुराणों से लिया गया है, जो बलिदान और समुद्र में बचाव अभियान, धरती मां की रक्षा करने, सौहार्द एवं शक्ति बहाल करने के सिद्धांत की याद दिलाता है।

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भगवान विष्णु का तीसरा अवतार था वराह 
उल्लेखनीय है कि पुराणों के मुताबिक ‘वराह’ भगवान विष्णु के तीसरे अवतार थे। तटरक्षक का ‘वराह’ देश के समुद्री हितों की सेवा एवं सुरक्षा करने में बल की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। इसकी लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के लिए इसमें दो तोपें लगाई गई हैं। इस जहाज पर 14 अधिकारी और 89 कर्मी तैनात होंगे। सिंह ने भारतीय तटरक्षक एवं एल एंड टी शिपयार्ड को ‘वराह’ को समुद्र में उतारने के लिये बधाई दी। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी, तेल रिसाव की घटनाओं की व्यापक चुनौतियों, टकराव और समुद्री आतंकवाद के बढ़ते खतरे ने कई साल से विभिन्न समुद्री देशों एवं भारतीय तट रक्षक की क्षेत्रीय व्यवस्थाओं पर सहयोग की दिशा में आह्वान किया है तथा कूटनीतिक संबंध का निर्माण किया है। सिंह ने कहा कि तटरक्षक ने समुद्री खतरों से निपटने के लिये क्षमता निर्माण, समेकित प्रशिक्षण और सहयोग के लिय सात समुद्री देशों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।

जल्द ही 50 और जहाज होंगे शामिल 
तटरक्षक के महानिदेशक के. नटराजन ने कहा कि 1977 में अपनी शुरुआत करने वाले बल के पास देश के समुद्री क्षेत्र में निगरानी करने के लिए 142 जहाजें और 62 विमान हैं। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को ध्यान में रखते हुए करीब 50 अतिरिक्त जहाज और नौकायें विभिन्न शिपबिल्डिंग यार्ड में निर्माणाधीन हैं तथा उन्हें जल्द ही हमारे बेड़ों में शामिल कर लिया जाएगा। विमानन के मोर्चे पर उन्होंने कहा कि एचएएल द्वारा 16 मार्क III अत्याधुनिक हल्का हेलीकॉप्टर (हेलो)का उत्पादन प्रगति पर है और प्रथम हेलो के मार्च 2020 में शामिल किये जाने की संभावना है। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि तटरक्षक ने बांग्लादेश की सहायता से हाल ही में 500 से अधिक मछुअरों को समुद्र में बचाया है। अपनी 42 साल की सेवा में तटरक्षक ने 10,000 से अधिक लोगों की जानें बचाई है। उन्होंने कहा कि पिछले साल तटरक्षक ने 7,860 लोगों की जान बचाई।

(यह खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा की है। एशियानेट हिंदी की टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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