विश्व हिंदू परिषद का एक्शन प्लान: लव जेहाद-धर्मांतरण पर लगे फुल स्टाप, हेट स्पीच और जेहादी हिंसा को खत्म करें

विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने 2024 के लिए कार्ययोजना की घोषणा कर दी है। जिसमें लव जेहाद, अवैध धर्मांतरण, जेहादी-मिशनरी हिंसा और हेट स्पीच पर पूर्ण विराम लगाने की मांग उठाई गई है। 
 

Manoj Kumar | Published : Jun 27, 2022 8:40 AM IST

चेन्नई. विश्व हिंदू परिषद ने मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण, मंदिरों को तोड़े जाने, अवैध धर्मांतरण, हिंदू मान्यताओं और देवी-देवताओं के प्रति हेट स्पीच के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की है। साथ ही इन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। तमिलनाडु के कांचीपुरम में दो दिवसीय केंद्रीय प्रबंध समिति की बैठक के बाद चेन्नई में मीडिया को संबोधित करते हुए विहिप के संयुक्त महामंत्री डा. सुरेंद्र जैन ने कहा कि सभी राज्य सरकारों को अवैध कन्वर्जन और लव जेहाद पर प्रभावी रोक लगाने के लिए कानून बनाना चाहिए। 2024 में स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने पर कार्ययोजना की घोषणा करते हुए जैन ने कहा कि परिषद एक करोड़ से अधिक सदस्य जोड़ेगी। 15 लाख कार्यकर्ताओं के साथ इसकी इकाइयों की संख्या एक लाख तक पहुंचाई जाएगी।

अवैध कन्वर्जन और लव जेहाद विरोधी कानून बने
विश्व हिंदू परिषद का विचार है कि धार्मिक कन्वर्जन मानवता के प्रति सबसे बड़ा अपराध और हिंसा है। बहुत से अन्य धर्मों के लोग अपना धार्मिक कर्तव्य मानकर तमाम असंवैधानिक और अनैतिक तौर-तरीके अपना कर यह आपराधिक कृत्य करने में लगे हैं। स्वतंत्रता के बाद से समाज के विभिन्न घटकों की ओर से इस आपराधिक कृत्य पर रोक की मांग उठती रही है। विहिप उन राज्यों का स्वागत करती है, जिन्होंने अवैध कन्वर्जन पर रोक लगाने के लिए कानून बनाए हैं। 
राज्य सरकार की असंवेदनशीलता के कारण तमिलनाडु में ईसाई मिशनरी द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में हिंदुओं को अवैध रूप से ईसाई बनाने का काम किया जा रहा है और इसके प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे ही एक प्रकरण में तंजावुर जिले में एक मासूम हिंदू बेटी लावण्या की जान चली गई। ऐसे बहुत से मामले हैं, जिनमें इस्लामिक कट्टरपंथी लव जेहाद के नाम पर हिंदू बेटियों को निशाना बना रहे हैं। बाद में हिंदू बेटियों को यौनाचार के लिए विवश किया जाता है। रामनाथपुरम और मेलूर-मदुरै में ऐसी कई बेटियों को आत्महत्या तक करनी पड़ी है। ऐसी गतिविधियों में लिप्त अपराधियों को कड़ी सजा देकर तमिलनाडु सरकार को इन कुकृत्यों पर तत्काल रोक लगानी चाहिए। 

इस्लामिक कट्टरवाद की हिंसा और आतंकवाद 
पूरा देश इस्लामिक कट्टरवाद के कारण हो रही हिंसा से त्रस्त है। सीएए, कोरोना, हिजाब और नूपुर विवाद के नाम पर वे देश को उन्मादी हिंसा की आग में झुलसाने के प्रयास कर रहे हैं। इस्लामिक कट्टरपंथी आतंकवाद को भी बढ़ावा दे रहे हैं। दुर्भाग्य से तमिलनाडु जेहादी आतंकवादियों की भर्ती का केंद्र बन गया है। हाल के महीनों में एनआईए ने बहुत से इस्लामी आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि इन आतंकवादियों की वित्तीय और दूसरी सभी तरह की सहायता के तार तमिलनाडु में मौजूद स्लीपर सेल से जुड़े हैं। लगता है कि ऐसे तत्वों के मामले में राज्य सरकार की एजेंसियां ढिलाई बरत रही हैं। राज्य पुलिस की अकर्मण्यता तमिलनाडु में इस्लामिक कट्टरपंथी समूहों को बढ़ावा दे रही है, जो मासूमों के प्रति हिंसा में लिप्त हैं।


 
हिंदू मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हों
वीएचपी ने कहा कि हमारे मठ-मंदिर और तीर्थस्थल न केवल पूजा-अर्चना के स्थान हैं बल्कि हिंदू सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराओं के पोषक हैं। ये स्थान अभावग्रस्त, निर्धन, दरिद्र लोगों की सेवा भी करते हैं। स्वतंत्रता के बाद भी राज्य सरकारों ने यही औपनिवेशिक मानसिकता अपनाई। हिंदू समाज का सदैव से मत है कि हिंदू मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त होने चाहिए। हम उन राज्य सरकारों की प्रसंशा करते हैं, जिन्होंने हिंदू धार्मिक स्थानों का प्रबंधन हिंदू समाज के हाथों में सौंपने का निर्णय कर लिया है। विहिप की मांग है कि तमिलनाडु सहित शेष राज्य सरकारें हिंदू मंदिरों को मुक्त करें। हम हिंदू समाज से अपील करते हैं कि वह अपनी शक्ति को पहचानें और जाति और लिंगभेद भूलकर पुजारियों और श्रद्धालुओं की समितियां बना कर अपने मंदिरों की व्यवस्था प्रभावशाली और पारदर्शी ढंग से चलाने के लिए तैयार रहे।

देवी-देवताओं के प्रति हेट स्पीच पर हो कार्रवाई 
विश्व हिंदू परिषद सदैव अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में है। किंतु हमारा संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी को दूसरों की आस्था के अपमान की अनुमति नहीं देता। दुर्भाग्य से हिंदू मान्यताओं और देवी-देवताओं के प्रति हेट स्पीच देने वाले अपराधियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई नहीं होती, जिससे हिंदू समाज आक्रोशित है। देश भर में गैर-हिंदू आस्थाओं और नेताओं को अपमानित करने वाले बयान देने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है, किंतु हिंदू देवी-देवताओं और आस्था का अपमान करने वाले अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। हाल ही में पवित्र शिवलिंग या पवित्र चिदंबरमनटराज के लिए तमाम तरह के आपत्तिजनक वक्तव्य दिए गए। किंतु कई हिंदू संगठनों की शिकायतों के बाद भी तमिलनाडु में किसी कानूनी एजेंसी ने कार्रवाई नहीं की। सम्मेलन के दौरान विहिप की उत्तर तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष श्रीनिवासन, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव एवं प्रचार प्रमुख विजय शंकर तिवारी और उत्तर तमिलनाडु के प्रचार प्रमुख कार्तिकेयन रामलिंगम भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित रहे। 

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