उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होने को है। सीपी राधाकृष्णन एनडीए उम्मीदवार हैं। आंकड़े उनके पक्ष में हैं। राधाकृष्णन ने 17 साल की उम्र में भारतीय जनसंघ से अपने राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की थी।
CP Radhakrishnan: उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सोमवार को मतदान होगा। संसद भवन में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक सांसद वोट डालेंगे। इसके बाद वोटों की गिनती होगी। देर शाम तक रिजल्ट आने की संभावना है। आंकड़े एनडीए प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन के पक्ष में हैं। राधाकृष्णन 17 साल की उम्र में भारतीय जनसंघ में शामिल हुए थे। अब उपराष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। आइए उनकी राजनीतिक यात्रा के बारे में जानते हैं।
सीपी राधाकृष्णन कौन हैं?
सीपी राधाकृष्णन का पूरा नाम चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन है। उनका जन्म तमिलनाडु के तिरुपुर में कोंगु वेल्लालर गौंडर समुदाय में हुआ था। उन्होंने तमिलनाडु के थूथुकुडी स्थित वी. ओ. चिदंबरम कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में बीबीए की डिग्री ली है।
राधाकृष्णन ने 17 साल की उम्र में भारतीय जनसंघ या आरएसएस में सक्रिय रूप से भाग लेना शुरू कर दिया था। वह 1974 में जनसंघ की राज्य कार्यकारी समिति के लिए चुने गए थे। राधाकृष्णन की राजनीतिक यात्रा 4 दशक से अधिक लंबी है। उन्होंने क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं।
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक करियर
राधाकृष्णन ने अपना राजनीतिक जीवन 1970 के दशक में भारतीय जनसंघ के साथ शुरू किया था। वे तमिलनाडु में भाजपा के संस्थापक सदस्य बने।
वे 1974 में जनसंघ की राज्य कार्यकारी समिति के लिए चुने गए। तमिलनाडु में भाजपा की रणनीतियों को आकार देने में प्रारंभिक भूमिका निभाई।
राधाकृष्णन ने 1998 और 1999 में कोयंबटूर लोकसभा सीट जीतकर पहचान बनाई थी। यह तमिलनाडु में भाजपा की पहली बड़ी सफलता थी।
उन्होंने कपड़ा संबंधी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इसके साथ ही वित्त, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच से संबंधित प्रमुख समितियों में भाग लिया था।
2004 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। ताइवान में पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।
राधाकृष्णन 2004-2007 तक तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष रहे। राज्य भर में 19,000 km की “रथ यात्रा” निकाली।
2004, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में असफल रहे, लेकिन दक्षिण भारत में भाजपा के बड़े नेता बने रहे।
राधाकृष्णन को फरवरी 2023 में झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। उन्होंने अपने कार्यकाल के पहले चार महीनों में सभी 24 जिलों का दौरा किया था।
जुलाई 2024 तक वह महाराष्ट्र के राज्यपाल बने थे। इसके साथ ही तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।
अगस्त 2025 में राधाकृष्णन को एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया।