उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने लिखी FB पर पोस्ट-समुद्र का बढ़ता स्तर, तूफान-बाढ़ द्वीपों के लिए खतरा

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु( M. Venkaiah Naidu) ने वैश्विक तापमान(global temperature) के स्तर को सीमित करने के लिए सभी देशों से मिलकर प्रयास करने का आग्रह किया है, ताकि छोटे द्वीप और उनकी अवर्णनीय सुंदरता(indescribable beauty) बरकरार रहे और द्वीपवासियों के आवास विस्थापित न हों। उपराष्ट्रपति ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिये यह बात कही।

Asianet News Hindi | Published : Jan 3, 2022 10:00 AM IST / Updated: Jan 03 2022, 03:32 PM IST

नई दिल्ली.उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु( M. Venkaiah Naidu) ने  लक्षद्वीप के द्वीप समूह की अपनी यात्रा पर एक फेसबुक पोस्ट लिखा है। उपराष्ट्रपति ने वैश्विक तापमान(global temperature) के स्तर को सीमित करने के लिए सभी देशों से मिलकर प्रयास करने का आग्रह किया है, ताकि छोटे द्वीप और उनकी अवर्णनीय सुंदरता(indescribable beauty) बरकरार रहे और द्वीपवासियों के आवास विस्थापित न हों। उपराष्ट्रपति ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिये यह बात कही।

जलवायु परिवर्तन पर चिंता
छोटे द्वीपों पर जलवायु परिवर्तन(Climate change) और ग्लोबल वार्मिंग(global warming) के प्रभाव को लेकर अपनी गहरी चिंता व्‍यक्‍त करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह अनुचित है कि छोटे द्वीप जिनका कुल उत्सर्जन का प्रतिशत न्यूनतम है, बड़े राष्ट्रों की लापरवाही की कीमत चुकाते हैं। उन्होंने कहा, ’’समुद्र का बढ़ता स्तर, तूफान, बाढ़ और तटीय कटाव दुनिया भर के विभिन्न द्वीपों के निवासियों के लिए एक बड़ा खतरा है।’’

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लक्षद्वीप द्वीप समूह के अपने दो दिवसीय आधिकारिक दौरे के समापन पर उपराष्ट्रपति ने यात्रा के अपने अनुभव साझा करते हुए एक फेसबुक पोस्ट लिखा। लक्षद्वीप के द्वीपों में भारत का विशेष रहस्य होने का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, ’’फिरोजा नीले पानी के विशाल विस्तार, ताड़ के पेड़ों की छतरी, सफेद रेत के किनारों और साफ नीले आसमान से घिरा होना हर्ष की बात है।’’

लक्षद्वीप की सुंदरता पर कहा
पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ समुद्र तटीय पर्यावरण की रक्षा के लिए लक्षद्वीप प्रशासन के निरंतर प्रयासों की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने अन्य पर्यटन स्थलों से लक्षद्वीप के दृष्टिकोण का अनुकरण करने और इको टूरिज्म को अंगीकार करने का आग्रह किया। उपराष्ट्रपति ने पर्यटकों से स्थानीय लोगों और प्रकृति की भलाई को ध्यान में रखते हुए जिम्मेदारी से यात्रा करने की अपील की। उन्होंने द्वीपों को स्वच्छ रखने में लक्षद्वीप के लोगों की भूमिका के लिए उनकी सराहना की।

मछली उत्पादन की बात
लक्षद्वीप क्षेत्र में मछली उत्पादन में सतत वृद्धि की तरफ इशारा करते हुए उपराष्ट्रपति ने इस क्षेत्र को लगातार समर्थन देने के लिए प्रशासन द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, ’’मत्स्य क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए हमारे वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को नैतिक जिम्मेदारी के साथ मत्स्य ग्रहण के लिए मछली पकड़ने की ऊर्जा सक्षम पद्धति विकसित करनी चाहिए।’’

भारत के पास हर चीज
भारत की प्राकृतिक विविधता की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, ’’हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते हैं कि पर्यटन के मामले में भारत के पास हर चीज सर्वोत्तम है। चाहे वह आकर्षक हिमालय हो, राजस्थान में स्थापत्य के अद्भुत दृश्य हों, हिमाचल प्रदेश में पूरी तरफ साफ झीलें, उत्तराखंड में आध्यात्म का द्वार, गोवा के अविश्वसनीय समुद्र तट, केरल के शांत अप्रवाही जल, मध्य प्रदेश में वन्यजीव अभयारण्य, पूर्वोत्तर के चाय बगान और पहाड़ियों का आकर्षक नजारा हो या कच्छ के रण की प्राकृतिक सुंदरता।’’

हर किसी को यात्रा करनी चाहिए
उपराष्ट्रपति ने हर किसी से पूरे भारत में दूर-दूर तक यात्रा करने का आग्रह किया ताकि हमारी उत्कृष्ट मातृभूमि की विविध और सुंदर छवियों का बेहतर अनुभव किया जा सके। उन्होंने कहा, ’’लेकिन याद रहे, जब आप यात्रा करें तब आप इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि पर्यावरण के किसी भी स्वरूप को नुकसान पहुंचाए बिना यात्रा करें।’’

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