पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट के बोगतई गांव में सोमवार रात(21 मार्च) हुई हिंसा(West Bengal Political Violence) से राजनीति गर्माई हुई है। उपद्रवियों द्वारा घरों में आग लगाए जाने से एक नवविवाहित दम्पति की भी मौत हो गई। महिला अपने पति के साथ पहली बार मायके आई हुई थी। बता दें कि इस हिंसा में अब तक 10 लोगों की मौत की खबर है। हालांकि सरकारी आंकड़ा 8 मौतों की पुष्टि करता है।
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था फिर से कठघरे में है। विधानसभा चुनाव के दौरान हुई व्यापक हिंसा के बाद अब पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट के बोगतई गांव में हुई हिंसा(West Bengal Political Violence) से राजनीति गर्माई हुई है। यहां सोमवार रात(21 मार्च) उपद्रवियों द्वारा घरों में आग लगाए जाने से एक नवविवाहित दम्पति की भी मौत हो गई। महिला अपने पति के साथ पहली बार मायके आई हुई थी। बता दें कि इस हिंसा में अब तक 10 लोगों की मौत की खबर है। हालांकि सरकारी आंकड़ा 8 मौतों की पुष्टि करता है। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी घटनास्थल का दौरा किया। कांग्रेस और भाजपा नेताओं का भी गांव में आना-जाना शुरू हो चुका है। पीएम मोदी भी इस हिंसा पर प्रतिक्रिया जता चुके हैं। उन्होंने कहा कि वे बंगाल के लोगों से आग्रह करेंगे कि ऐसे अपराधियों को कभी माफ न किया जाए।
पहली बार पति के साथ मायके आई थी महिला
इस आगजनी में मरने वालों में 3 महिलाएं और 2 बच्चे शामिल हैं। पुलिस अभी तक 22 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। हिंसा में एक नव विवाहित दम्पति की भी मौत हुई। लिली खातून अपने शौहर काजी साजीदुर के साथ निकाह के बाद पहली बार बगतुई गांव स्थित अपने मायके आई हुई थीं। जब उपद्रवियों ने उनके घर को आग लगाई, तो साजीदुर ने कांपते हुए अपने दोस्त काजी माहिम को मोबाइल किया और बताया कि उनके घर को आग लगा दी गई है। पुलिस को भेजकर उन्हें बचा लो। माहिम ने यह बात अपने पिता को बताई। इसके बाद जब उन्होंने फिर से साजीदुर से संपर्क किया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। अगले दिन सुबह दोनों की जलीं लाशें मिलीं।
जनवरी में हुआ था निकाह
बीरभूम के नानूर के रहने वाले साजीदुर का निकाह बगतुई गांव के मिजारूल शेख की बेटी लिली से इसी जनवरी में हुआ था। वो सोमवार को ही मायके आई थी। रात 12 बजे से पहले तक सबकुछ ठीकठाक था, लेकिन उसके बाद गांव में जो हुआ, वो रौंगटे खड़े करने वाला है। बम धमाकों की आवाजों से लोग डरकर घरों से बाहर निकले। लेकिन तब तक उपद्रवी घरों को आग लगा चुके थे।
टीएमसी लीडर की हत्या के बाद हुई थी हिंसा
हिंसा की शुरुआत तृणमूल कांग्रेस(TMC) के स्थानीय नेता और बरशल ग्राम पंचायत बोकतुई के उप प्रमुख भादु शेख की सोमवार को किसी रंजिश के चलते हुई हत्या(TMC leader Bhadu Sheikh was killed on Monday) के बाद हुई थी। शेख पर बम से हमला किया गया था। इसके बाद टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उपद्रव शुरू कर दिया था। TMC के समर्थकों ने भाजपा समर्थकों के घरों में आग लगा दी। हालांकि पुलिस तर्क देती रह कि घरों में आग शॉर्ट सर्किट से लगी।