विहिप ने कहा, लव जिहाद अब और बर्दाश्त नहीं, इसे रोकने के लिए जल्द से जल्द कानून बनाए सरकार

विश्व हिंदू परिषद ने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की मांग की है। विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉक्टर सुरेन्द्र जैन ने कहा कि पिछले दिनों में लव जिहाद की घटनाओं की झड़ी सी लग गई है। लखनऊ में एक पीड़ित महिला द्वारा आत्मदाह कर अपने प्राणों की बलि देना हो या सोनभद्र में पीड़िता का सिर कटा शव मिलना हो, पिछले 8-10 दिन से बड़ी संख्या में  ये घटनायें सामने आ रही हैं।

Asianet News Hindi | Published : Oct 16, 2020 9:02 AM IST / Updated: Oct 17 2020, 11:56 AM IST

नई दिल्ली (By Shri Ram Shaw). विश्व हिंदू परिषद ने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की मांग की है। विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉक्टर सुरेन्द्र जैन ने कहा कि पिछले दिनों में लव जिहाद की घटनाओं की झड़ी सी लग गई है। लखनऊ में एक पीड़ित महिला द्वारा आत्मदाह कर अपने प्राणों की बलि देना हो या सोनभद्र में पीड़िता का सिर कटा शव मिलना हो, पिछले 8-10 दिन से बड़ी संख्या में  ये घटनायें सामने आ रही हैं।

उन्होंने कहा, केरल से लेकर जम्मू कश्मीर और लद्दाख तक इन षड्यंत्रकारियों का एक जाल बिछा हुआ है। गैर मुस्लिम लड़कियों को योजनाबद्ध तरीके से जबरन या धोखे से अपने जाल में फंसा लेना किसी सभ्य समाज का चिंतन नहीं हो सकता। यह केवल जनसंख्या बढ़ाने का भोंडा तरीका ही नहीं,  बल्कि आतंकवाद का एक प्रकार भी है। 

"धर्मांतरण का सबसे घिनौना तरीका"

डॉक्टर सुरेन्द्र जैन ने कहा, केरल उच्च न्यायालय ने इसे धर्मांतरण का सबसे घिनौना तरीका बता कर ही इसे लव जिहाद नाम दिया था। विश्व हिंदू परिषद ने संज्ञान में आए इस प्रकार की 170 मामलों की सूची बनाई है जो पिछले 8-10 सालों से संबंधित है।

"गैर मुस्लिम लड़कियां इस षड्यंत्र का शिकार"

जैन के मुताबिक, एक अनुमान के मुताबिक, हर साल 20,000 से अधिक गैर मुस्लिम लड़कियां इस षड्यंत्र का शिकार बन जाती हैं। जिहादियों के जाल में फंसने के बाद इन लड़कियों का न केवल जबरन धर्मांतरण होता है बल्कि नरकीय जिंदगी जीने पर मजबूर किया जाता है। वेश्यावृत्ति करवाने और उन्हें बेच देने की घटनाओं के अलावा पूरे परिवार के पुरुषों व मित्रों द्वारा जबरन यौन शोषण की घटनाएं भी समाचार पत्रों में आती ही रहती हैं। 

उन्होंने कहा, अब विश्व के कई देश इससे त्रस्त होकर आवाज उठाने लगे हैं। म्यानमार की घटनाओं के मूल में भी लव जिहाद ही है। श्रीलंका में 10 दिन की आंतरिक एमरजैंसी लगाकर वहां के समाज के आक्रोश को शांत करना पड़ा था। जब स्वभाव से शांत बौद्ध समाज का आक्रोश यह रूप धारण कर सकता है तो बाकी समाज का आक्रोश कैसा होगा? इस को ध्यान रखकर अब लव जिहादियों को अपने इरादे बदल लेने चाहिए।

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