
Waqf Amendment Bill 2025: वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को इस बजट सत्र में संसद में पास कराया जा चुका है। शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मुहर के बाद यह कानून बन चुका है। हालांकि, विधेयक को लेकर प्रदर्शन हो रहे, सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं डाली जा चुकी हैं लेकिन इस बिल के नाम संसदीय इतिहास का एक नया रिकॉर्ड बना है। राज्यसभा ने 3 अप्रैल को संसदीय इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा जब वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 (Waqf Amendment Bill 2025) पर 17 घंटे 2 मिनट तक लगातार बहस हुई। यह बहस अब तक की सबसे लंबी राज्यसभा बहस बन गई है। इस बहस ने 1981 में ESMA (Essential Services Maintenance Act) पर हुई 16 घंटे 55 मिनट की बहस का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
3 अप्रैल को बजट सत्र के अंतिम दिनों में, यह बहस सुबह 11 बजे शुरू होकर अगले दिन तड़के 4:02 बजे तक चली। राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने इस असाधारण प्रयास की सराहना करते हुए इसे ऐतिहासिक कानून निर्माण और लोकतांत्रिक आदर्शों का प्रतीक बताया।
संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर विधेयक की बहस से जुड़ी तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि वक्फ संशोधन विधेयक पर 17 घंटे 2 मिनट की बहस ने 1981 में ESMA पर बनी 16 घंटे 55 मिनट की बहस का रिकॉर्ड तोड़ दिया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और एल. मुरुगन समेत संसद कार्य मंत्रालय की टीम के साथ तस्वीर साझा कर सभी ‘फैसिलिटेटर्स’ की सराहना की।
इससे एक दिन पहले लोकसभा ने भी इस विधेयक को 12 घंटे लंबी बहस के बाद पारित किया था। विधेयक पर दोनों सदनों में हुई तीखी बहसों और विचार-विमर्श को संसदीय व्यवस्था की गंभीरता और लोकतांत्रिक ताकत का उदाहरण माना जा रहा है।
राज्यसभा सभापति व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह बहस केवल एक विधेयक पारित करने की कवायद नहीं थी बल्कि इसने यह साबित किया कि गहन संवाद और साझा उद्देश्य से लोकतंत्र को मजबूत किया जा सकता है। यह जनमानस में संसद की विश्वसनीयता को और बढ़ाएगा।
पूरे बजट सत्र के दौरान राज्यसभा की कुल कार्य अवधि 159 घंटे रही और इसकी उत्पादकता 119% रही, जो पिछले कई सत्रों की तुलना में अधिक है।