क्या सरकार पास करा पाएगी Waqf Bill? जानें लोकसभा-राज्यसभा का नंबर गेम

Published : Apr 01, 2025, 11:03 AM IST
Lok Sabha

सार

केंद्र सरकार 2 अप्रैल को वक्फ बिल लोकसभा में पेश करेगी, विपक्ष विरोध में है। लोकसभा और राज्यसभा में किसके पास है बहुमत? जानिए नंबर गेम।

Waqf Bill: केंद्र सरकार 2 अप्रैल को लोकसभा में वक्फ बिल पेश करने जा रही है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इसके खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। वक्फ संशोधन विधेयक पास कराना सत्ता पक्ष के लिए बड़ी चुनौती है। इसे पहले 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में पेश किया गया था, लेकिन भारी विरोध के चलते JPC (संयुक्त संसदीय समिति) के पास भेज दिया गया।

JPC की सिफारिश पर बिल में कई संशोधन हुए हैं, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि उनकी बातें नहीं सुनी गईं हैं। अब जब वक्फ बिल एक बार फिर लोकसभा में पेश किया जाएगा तब फिर से सदन में हंगामा होने की संभावना है। लोकसभा और राज्यसभा में सत्ता पक्ष के पास बहुमत है। आइए जानते हैं दोनों सदन में संख्या बल क्या है? नंबरगेम क्या कहता है?

लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष का संख्या बल

  • वर्तमान स्ट्रेंथ- 542
  • बिल पास कराने के लिए जरूरी नंबर-272
  • सत्ताधारी गठबंधन NDA के सांसदों की संख्या- 293 (भाजपा के सांसदों की संख्या 240 है)
  • कांग्रेस-99
  • इंडिया ब्लॉक के सभी दलों को मिलाकर संख्या-233

क्या कहता है लोकसभा का नंबर गेम?

लोकसभा में वक्फ बिल पास कराने के लिए 272 वोटों की जरूरत होगी। NDA के सांसदों की संख्या 293 है। इस तरह अगर NDA में फूट नहीं हुई और सभी सांसद मतदान के दौरान मौजूद रहे तो विल पास कराने में परेशानी नहीं होगी। भाजपा अकेले दम पर बिल पास कराने की स्थिति में नहीं है। उसे सहयोगी दलों का साथ चाहिए। वहीं, विपक्ष के पास विल रोकने के लिए जरूरी संख्या बल नहीं है। उसे उम्मीद रखनी होगी कि NDA के दल उनका साथ दें।

राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष का संख्या बल

  • राज्यसभा की स्ट्रेंथ 236
  • विधेयक पास कराने के लिए चाहिए 119 वोट
  • NDA के सांसदों की संख्या 115 (भाजपा के 98 सांसद हैं)
  • 6 मनोनीत सदस्य को जोड़ने पर NDA का संख्या बल 121
  • इंडिया ब्लॉक के सांसदों की संख्या 58
  • कांग्रेस के सांसद 27
  • कुल मिलाकर विपक्ष के सांसदों की संख्या 85

क्या कहता है राज्यसभा का नंबर गेम?

वक्फ बिल पास कराने के लिए सरकार के पास राज्यसभा में भी साफ बहुमत है। विपक्ष के पास अपने दम पर इतनी संख्या नहीं है कि बिल को रोका जा सके। यह तभी संभव है जब एनडीए में शामिल दल विपक्ष का साथ दें।

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