संसद में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल गुरुवार को पेश किया गया है। अल्पसंख्यक मंत्री किरन रिजिजू के बिल पेश करने के साथ ही सपा और कांग्रेस ने हंगामा शुरू कर दिया है।
नई दिल्ली। लोकसभा के मानसून सत्र में आज वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश किया गया। इस बिल के अंतर्गत वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर अंकुश लगाने संबंधी कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। संसद में केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किेरेन रिजिजू ने गुरुवार को बिल पेश किया। इस विधेयक के पेश होने के साथ ही सपा, कांग्रेस, एनसीपी, एआईएमआईएम, टीएमसी, सीपाई(एम), आईयूएमएल, डीएमके, आरएसपरी की ओर से विरोध शुरू हो गया।
बोर्ड की मनमानी पर रोक लगाएगा विधेयक
वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन बिल पास हो गया था बोर्ड के अधिकार क्षेत्र पर अंकुश लग जाएगा। वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति पर अपना हक नहीं जता सकेगा। मौजूदा समय में वक्फ बोर्ड के पास इतनी शक्ति है कि वह किसी भी जमीन को अधिग्रहीत कर उसे बोर्ड की संपत्ति घोषित कर सकती है। इस विधेयक के पास होने के बाद किसी भी जमीन पर दावे से पहले उसका वेरिफिकेशन करना अनिवार्य हो जाएगा। इससे बोर्ड की मनमानी पर भी रोक लग सकेगी।
रिजिजू बोले-बोर्ड में बुद्धिजीवियों का होना जरूरी
केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री ने बिल पेश करने के दौरान कहा कि बोर्ड में बुद्धिजीवियों और महिलाओं की भी भागीदारी होने की मांग की जा रही थी। वक्फ बोर्ड में जो भी सदस्य हों उनको जानकार होना चाहिए। एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल वाले लोगों को शामिल किया जाना चाहिए। ये सब सिफारिशें पहले की हैं जो आप लोगों की ही थीं, हम तो सिर्फ लागू कर रहे हैं। इस बिल को पास होने के बाद ये प्रयास किया जाएगा कि कोई महिला या अन्य व्यक्ति न्याय से वंचित न रह जाए। वक्फ प्रॉपर्टी से जो भी इनकम होगी वह मुस्लिमों के कल्याण के लिए ही प्रयोग की जाएगी।
वेणुगोपाल बोले- समुदायों के बीच विवाद खड़ा करेगा विधेयक
बिल को लेकर संसद में जंग छिड़ गई है। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल राव ने कहा कि सरकार ऐसे बदलाव कर समुदायों के बीच विवाद खड़ा करना चाहती है। हम हिन्दू हैंं लेकिन सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। हरियाणा और महाराष्ट्र के लिए ये बिल खास होता है। सत्ताधारी दल संघीय व्यवस्था पर हमला कर रहा है।
ओवैसी बोले- केंद्र सरकार मुसलमानों की दुश्मन
संसद में विधेयक के पेश होने के बाद एआईएमआईएम चीफ मोहम्मद असद्दुीन ओवैसी ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि, वक्फ बोर्ड के नियमों में बदलाव को लेकर संसद में बिल पेश किए जाना एक नए विवाद को जन्म देना है। इस बिल को पेश कर केंद्र देश को एकजुट करने का नहीं बल्कि बांटने का काम कर रही है। यह बिल साबित करता है कि केंद्र सरकार मुसलमानों की दुश्मन है।
वक्फ में गैर मुस्लिम को क्यों शामिल करना
सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि वक्फ बोर्ड को लेकर संशोधन बिल को एक राजनीतिक साजिश के तहत पेश किया गया है। वक्फ बोर्ड में योग्य लोगों को लाएं इससे मनाही नहीं है लेकिन गैर मुस्लिम को इसमें शामिल करना बेतुकी बात है। ऐसा किए जाने के पीछे केंद्र का क्या औचित्य है। केंद्र सरकार की मंशा वक्फ बोर्ड में भी अपनी दखलंदाजी बढ़ाने के लिए ऐसा कर रही है।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने केंद्र पर बोला हमला
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी विधेयक का विरोध करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कहा, 'वक्फ बोर्ड मस्जिदों का संचालन और रखरखाव करता है। इस विधेयक को लाकर केंद्र उसकी ताकत को कम करना चाहती है। ऐसा था तो वक्फ की प्रॉपर्टी को कब्जा मुक्त कराकर बिल पेश करना था।