आने वाले समय में दुनिया भर की जरूरतों के लिए भारत में बनेंगे युद्धपोत: राजनाथ सिंह

आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इंडियन नेवी में शामिल किया गया। राजनाथ सिंह ने कहा कि आईएनएस मोरमुगाओ के निर्माण से यह साबित हो गया है कि युद्धपोत बनाने में भारत की क्षमता कितनी बढ़ गई है। 

मुंबई। भारतीय नौसेना को रविवार को नया युद्धपोत आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) मिला। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इसे इंडियन नेवी में शामिल किया गया। इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने कहा कि आईएनएस मोरमुगाओ के निर्माण से यह साबित हो गया है कि युद्धपोत बनाने में भारत की क्षमता कितनी बढ़ गई है। इसमें कोई संदेह नहीं रह जाता है कि आने वाले समय में हम न केवल अपनी जरूरतों के लिए बल्कि दुनिया भर की जरूरतों के लिए भी जहाज बनाएंगे। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘विशाखापत्तनम’ क्लास का यह मिसाइल डिस्ट्रॉयर भारत में निर्मित होने वाले सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है। यह युद्धपोत अपनी क्षमताओं से इंडियन नेवी की ताकत में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा। महाराष्ट्र के बारे में रक्षा मंत्री ने कहा कि यह ऐतिहासिक प्रदेश छत्रपति शिवाजी, संभाजी और कान्होजी जैसे वीरों के पराक्रम का साक्षी रहा है। उनकी कर्मस्थली पर इस युद्धपोत की कमिशनिंग अपना और भी विशिष्ट महत्त्व रखती है।

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रक्षा मंत्री ने कहा कि मोरमुगाओ’ फोर्ट हो या ‘मोरमुगाओ’ पोर्ट, दोनों का ही नाम भारत के इतिहास में बड़ी विशिष्टता के साथ दर्ज है। 17वीं शताब्दी में वीर संभाजी के नेतृत्व में मराठा सेना ने ओल्ड गोवा में पुर्तगालियों पर आक्रमण किया और उनके विरुद्ध बड़े पैमाने पर अपनी वीरता का प्रदर्शन किया। एक पोर्ट के रूप में भी ‘मोरमुगाओ’ ने भारत के समुद्री व्यापार बढ़ाने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। आज भी यह देश के सबसे पुराने और बड़े पोर्ट में से एक है। आईएनएस मोरमुगाओ भी अपनी खूबियों और सेवाओं के चलते अपना विशिष्ट स्थान रखेगी।

भारत में बनेगा दुनियाभर के लिए पोत
राजनाथ सिंह ने कहा, "इस अवसर पर मैं पूर्व रक्षा मंत्री स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर को भी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। वह गोवा की धरती के पुत्र थे। सितंबर 2016 में उन्हीं के करकमलों से आईएनएस मोरमुगाओ की लॉन्चिंग हुई थी। MDSL (Mazagon Dock Shipbuilders Limited) द्वारा तैयार यह युद्धपोत हमारी स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता का बड़ा उदाहरण प्रस्तुत करती है। इसमें कोई संदेह नहीं रह जाता है कि आने वाले समय में हम न केवल अपनी जरूरतों के लिए बल्कि दुनिया भर की जरूरतों के लिए भी पोत बनाएंगे।"

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रक्षा मंत्री ने कहा, "भारत के तीन तरफ समुद्र है। यह हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है। प्राचीन काल से ही समुद्र ने हमारे देश को अनेक प्रकार से समृद्ध करने का कार्य किया है। समुद्र ने एक तरफ हमें प्राकृतिक संशाधन उपलब्ध कराकर हमें समृद्ध किया है तो दूसरी ओर इसने हमें दुनिया भर से जोड़ने का भी काम किया है।" 

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