बच्चों के गंदे वीडियो देखने पर मिलेगी सजा, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ये बड़ा आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि बच्चों के गंदे वीडियो बनाना, देखना, डाउनलोड करना और शेयर करना अपराध है। ऐसा करने पर पॉक्सो एक्ट के तहत कार्यवाही होगी।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि ऐसे वीडियो डाउनलोड करना, स्टोर करना और देखना अपराध है। ऐसा करने पर Pocso (Protection of Children from Sexual Offences) एक्ट के तहत कार्यवाही होगी। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि ऐसी सामग्री डाउनलोड करने या देखने पर सजा नहीं होगी।

मद्रास हाईकोर्ट ने 11 जनवरी को चेन्नई के 28 साल के एस हरीश के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी थी। उसपर अपने मोबाइल फोन में बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री डाउनलोड करने का आरोप लगाया गया था। हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने सुनवाई की। पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए गंभीर गलती की है।

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा-'चाइल्ड पोर्नोग्राफी' को लेकर करें कानून में संशोधन

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि हरीश के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही जारी रहेगी। बच्चों से जुड़ी पोर्नोग्राफिक कंटेंट प्रकाशित करना, शेयर करना, बनाना और डाउनलोड करना पहले से ही अपराध है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह 'चाइल्ड पोर्नोग्राफी' शब्द की जगह 'बाल यौन शोषण और शोषणकारी सामग्री' शब्द रखने के लिए कानून में संशोधन करे। कोर्ट ने अन्य अदालतों को निर्देश दिया कि वे अपने किसी भी आदेश में 'चाइल्ड पोर्नोग्राफी' शब्द का इस्तेमाल नहीं करें।

NGOs ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ लगाई थी याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला गैर सरकारी संगठनों के गठबंधन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन अलायंस द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया। NGOs की ओर से सीनियर वकील एचएस फुल्का कोर्ट में पेश हुए। याचिका में कहा गया था कि मद्रास हाईकोर्ट के आदेश से चाइल्ड पोर्नोग्राफी को बढ़ावा मिलेगा। यह बच्चों के हित के खिलाफ होगा।

याचिका में कहा कि कोर्ट के आदेश से आम जनता को यह संदेश गया है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी डाउनलोड करना और अपने पास रखना कोई अपराध नहीं है। इससे ऐसे वीडियो की मांग बढ़ेगी। लोग मासूम बच्चों को पोर्नोग्राफी में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

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