Uniform Civil Code: आम आदमी पार्टी करेगी UCC का सपोर्ट, AAP नेता संदीप पाठक बोले- 'देश में यह होना चाहिए'

इस वक्त देश में यूनिफार्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) को लेकर बहस चल रही है। बीजेपी इसके सपोर्ट में जबकि कई विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही हैं। ऐसे में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने यूनिफार्म सिविल कोड का समर्थन करने का ऐलान किया है।

Manoj Kumar | Published : Jun 28, 2023 9:52 AM IST

Uniform Civil Code. देश में यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर छिड़ी बहस के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) नेता संदीप पाठक ने कहा कि हम यूनिफार्म सिविल कोड का सपोर्ट करेंगे। देश में यह जरूर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आर्टिकल 44 भी कहता है कि सैद्धांतिक रुप से यह देश में होना चाहिए। इसलिए सभी राजनैतिक दलों, धर्मों और संगठनों से व्यापक विचार-विमर्श करके यूनिफार्म सिविल कोड पर आम सहमति बनानी चाहिए।

UCC को लेकर क्या कहती है आम आदमी पार्टी

आम आदमी पार्टी के नेता संदीप पाठक ने कहा कि यह मुद्दा बहुत बड़ा है और धर्म, संप्रदाय से भी जुड़ा हुआ है। इसलिए हम चाहते हैं कि इस पर व्यापक तौर पर विचार-विमर्श किया जाना चाहिए। सभी पक्षों के साथ बातचीत होनी चाहिए। सभी राजनैतिक दलों, धार्मिक संगठनों और विभिन्न संस्थाओं के बीच एक तरह से आम सहमित बननी चाहिए। संदीप ने कहा कि कई मुद्दे ऐसे होते हैं जिनका देश की सामाजिक व्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ता है, इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि हमें ऐसे मुद्दों को लेकर किसी तरह की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। सभी पक्षकारों के बीच आम सहमति बनाकर ही इसे लागू किया जाना चाहिए।

इन देशों में लागू है यूनिफार्म सिविल कोड

क्या है यूनिफार्म सिविल कोड

साधारण शब्दों में समझें तो यूनिफार्म सिविल कोड का अर्थ यह है कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक तरह का कानून हो। किसी भी जाति, किसी भी धर्म के लोगों पर समान कानून लागू हो। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि ऐसा कानून जो किसी भी जाति, धर्म या संप्रदाय पर एक समान तरीके से लागू होता है। यदि भारत में यह कानून लागू हो जाता है तो सभी नागरिकों के लिए विवाह से लेकर तलाक तक, बच्चा गोद लेने से लेकर संपत्ति में अधिकार, संपत्ति के बंटवारे जैसे मुद्दों पर एक ही तरह के नियम लागू होंगे। मौजूदा समय में यह कानून केंद्र सरकार द्वारा लाने की कोशिश की जा रही है। कई राजनैतिक दल इसका समर्थन कर रहे हैं तो कई पार्टियां विरोध में हैं।

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