मार्च में ही लू(heat wave) अपना असर दिखानी लगी है। कई शहरों में टेम्परेचर 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंचने लगा है। लेकिन उत्तर-पश्चिम भारत में एक नया पश्चिमी विक्षोभ(western disturbance) सक्रिय होने से यहां अगले कुछ दिनों तक तेज गर्मी से राहत मिल सकती है। जानिए कैसा रहेगा मौसम का हाल...
नई दिल्ली. आमतौर पर अप्रैल से गर्मियों का प्रकोप बढ़ना शुरू होता है, लेकिन इस बार मार्च में ही लू(heat wave) अपना असर दिखानी लगी है। कई शहरों में टेम्परेचर 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंचने लगा है। लेकिन उत्तर-पश्चिम भारत में एक नया पश्चिमी विक्षोभ(western disturbance) सक्रिय होने से यहां अगले कुछ दिनों तक तेज गर्मी से राहत मिल सकती है। अगर मौसम के पूरे मिजाज की बात करें, तो अंडमान-निकोबार के समुद्र पर मंडरा रहा चक्रवात असानी (Cyclone Asani) का खतरा टल चुका है। मौसम विभाग(IMD) के अनुसार, चक्रवात कमजोर पड़कर म्यांमार के थाडवे तट से आगे बढ़ चुका है। जानिए मौसम का हाल...
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Weather forecast for the next few days: ऐसा रहने वाला है मौसम
ताजा पश्चिम विक्षोभ के चलते उत्तर-पूर्वी भारत में हल्की बारिश की संभावना है। वहीं, हिमालय के ऊंचाई वाले स्थलों पर बारिश के साथ हल्की बर्फबारी हो सकती है। हालांकि मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि पश्चिम विक्षोभ के असर से उत्तर-पश्चिमी भारत को गर्मी से राहत मिलेगी।
स्काईमेटवेदर(skymetweather) के अनुसार, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिमी राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में लू चलना शुरू हो गई है। अगले 24 घंटों के दौरान, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों और तेलंगाना और दक्षिण महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं। वहीं, अरुणाचल प्रदेश में हल्की छिटपुट बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, 23 और 24 मार्च को जम्मू-कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और हिमपात का पूर्वानुमान है।
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बीते दिन मौसम का हाल
स्काईमेटवेदर(skymetweather) के अनुसार, पिछले 24 घंटों के दौरान, आंतरिक तमिलनाडु और तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होती रही। वहीं कुछ स्थानों पर भारी बारिश तक हुई। इसके अलावा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। तटीय आंध्र प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में छिटपुट हल्की बारिश होती रही।
गर्मी में एलर्जी की समस्या
गर्मियो में एलर्जी की समस्या आम है। लेकिन वैज्ञानिकों ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन(Climate change) के चलते यह समस्या लंबे समय तक बनी रह सकती है। शोध पत्रिका 'नेचर कम्युनिकेशंस' में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, मिशिगन विश्वविद्यालय की लीडरशिप में किए गए एक नए शोध के अनुसार, मानवीय गलतियों या भूलों के कारण हो रहे जलवायु परिवर्तन से बढ़ते तापमान ने एलर्जी की समस्या और बढ़ा दी है। रिसर्च में सामने आया कि 1995 से 2014 की समयावधि की तुलना में इस शताब्दी के अंत तक वसंत ऋतु में पराग कणों का उत्सर्जन 40 दिन पहले होने की आशंका है। ये एलर्जी पीड़ितों की तकलीफें बढ़ा सकत हैं। यानी यह टाइमिंग 19 और बढ़ सकती है। इसके अलावा टेम्परेचर और कार्बन डाईआक्साइड का स्तर बढ़ने से पराग कणों के उत्सर्जन की मात्रा भी हर साल 200 प्रतिशत तक बढ़ने की आशंका है।