दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता के चलते देश के तमाम राज्यों में बारिश का दौर चल रहा है। इस बीच मौसम विभाग ने गोवा, मप्र, गुजरात, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश आदि में तेज या भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। जानिए किन राज्यों के लिए कैसा अलर्ट जारी किया गया है...
मौसम डेस्क. दक्षिण-पश्चिम मानसून(Southwest Monsoon) की सक्रियता के चलते देश के अधिकांश राज्यों में बारिश या भारी बारिश का दौर जारी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आजकल में तेलंगाना, उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश, दक्षिण छत्तीसगढ़, दक्षिण ओडिशा, दक्षिण मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, विदर्भ, मराठवाड़ा, कोंकण और गोवा, दक्षिण गुजरात और तटीय कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, केरल और उत्तर प्रदेश की तलहटी में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कहीं कहीं तेज बारिश के आसार हैं।
सिक्किम, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, असम के कुछ हिस्सों, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा के शेष हिस्सों, मध्य प्रदेश, गुजरात के शेष हिस्सों, आंतरिक कर्नाटक, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। यही स्थिति पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश और दिल्ली और उत्तरी राजस्थान में एक-दो स्थानों पर बनी रहेगी। शेष पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश का पूर्वानुमान है। (यह तस्वीर अहमदाबाद की है)
गोवा: पेरनेम, बिचोलिम, बर्देज़ में बाढ़ की चेतावनी
गोवा सरकार ने तीन तालुकों में चापोरा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा, क्योंकि लगातार बारिश के बाद नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। उत्तरी गोवा के जिला मजिस्ट्रेट ने पेरनेम, बिचोलिम और बर्देज़ तालुका में नदी के किनारे रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी किया है क्योंकि टिल्लारी जलाशय से पानी छोड़ा जा रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार रेड अलर्ट के आलोक में एहतियात के तौर पर अलर्ट जारी किया गया है, क्योंकि टिल्लारी बांध से पानी छोड़ना शुरू हो गया है। आईएमडी ने भविष्यवाणी की है कि मंगलवार से राज्य में भारी बारिश अगले पांच दिनों तक जारी रहेगी। गोवा राज्य जल संसाधन विभाग के अधिकारी और महाराष्ट्र के अधिकारी चौबीसों घंटे टिल्लारी जलाशय की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। टिल्लारी जलाशय उत्तरी गोवा जिले में गोवा-महाराष्ट्र सीमा पर स्थित है।
दक्षिण गुजरात में भारी बारिश
दक्षिण गुजरात में शुक्रवार को भारी बारिश हुई और दोपहर में कुछ घंटों तक लगातार बारिश हुई जिससे राज्य के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद के कई हिस्से जलमग्न हो गए। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा गया है कि जामनगर, देवभूमि द्वारका और जूनागढ़ जिलों के कुछ हिस्सों में भी भारी बारिश देखी गई। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि राज्य में मानसून की शुरुआत के बाद पहली बार अहमदाबाद शहर में भारी बारिश हुई, जिसके कारण जलभराव हो गया और कुछ अंडरपास यातायात के लिए बंद हो गए। आईएमडी ने कहा कि दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के कुछ स्थानों पर अगले चार दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। बताया गया है 11-12 जुलाई को दक्षिण गुजरात के सूरत, नवसारी, वलसाड, दमन, दादरा और नगर हवेली में कुछ स्थानों पर और जूनागढ़ जिले के कुछ हिस्सों में अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है।
कर्नाटक के कई हिस्सों में बारिश जारी, एक जून से अब तक 12 लोगों की मौत
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि एक जून से अब तक बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में कुल 12 लोगों की मौत हुई है क्योंकि राज्य के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश जारी है। मुख्यमंत्री ने बारिश से प्रभावित 13 जिलों के जिला प्रभारी मंत्रियों और डिप्टी कमिश्नरों की बैठक में सीएम ने कहा कि राज्य भर में विभिन्न स्थानों पर अगले तीन से चार दिनों तक बारिश जारी रहेगी, क्योंकि उन्होंने अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं। पिछले कुछ दिनों से राज्य के तटीय, मलनाड और आंतरिक क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश हो रही है, जिससे जान-माल का नुकसान हुआ है। 13 जिलों में भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालात हैं। मैसूर में तैनात नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की टीम कोडागु में तैनात की गई है। मंगलुरु में एक अलग टीम रहेगी और आसपास के क्षेत्रों में बचाव कार्यों का ध्यान रखेगी, जबकि स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) की टीमों को कारवार और उडुपी में तैनात किया गया है। कोडागु, दक्षिण कन्नड़, उडुपी, उत्तर कन्नड़, शिवमोग्गा जैसे तटीय और मलनाड जिलों में भारी बारिश का सामना करना पड़ रहा है, जिससे जान-माल का नुकसान हो रहा है। बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं, कृषि क्षेत्र और निचले इलाकों में पानी भर गया है, कोडागु और दक्षिण कन्नड़ जिलों के पहाड़ी इलाकों में भी भूस्खलन की सूचना मिली है। एहतियात के तौर पर इनमें से ज्यादातर जिलों में स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई है।
महाराष्ट्र: कोंकण जिलों में बारिश
महाराष्ट्र विभिन्न हिस्सों से 254 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। हालांकि, राज्य की राजधानी मुंबई में पिछले पांच दिनों की भारी बारिश के बाद छिटपुट बारिश हुई। एक जून से महाराष्ट्र में बारिश ने 67 लोगों की जान ले ली है। एनडीआरएफ की 13 टीमों को तटीय महाराष्ट्र में तैनात किया गया है, जबकि कुछ टीमें पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा और कोल्हापुर जिलों में तैनात हैं, जहां हाल के मानसून में बड़ी बाढ़ आई थी। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मुंबई के लिए बारिश की चेतावनी को रेड (अत्यधिक भारी बारिश) से ऑरेंज (भारी से बहुत भारी बारिश) में डाउनग्रेड किया, लेकिन रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के लिए रेड अलर्ट बना रहेगा।
इन राज्यों में होती रही बारिश
अगर बीते दिन की बात करे, तो सौराष्ट्र और कच्छ, दक्षिण कोंकण और गोवा और तटीय कर्नाटक में मध्यम से भारी बारिश होती रही। तमिलनाडु, दक्षिण भारत कर्नाटक, जम्मू कश्मीर और असम और बिहार के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज की गई। दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के कुछ हिस्सों,तेलंगाना, विदर्भ, दक्षिण गुजरात और मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी रिकॉर्ड की गई। जबकि मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, केरल, आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा, तटीय आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप तथा उत्तरी पंजाब में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कहीं-कहीं तेज और भारी बारिश हुई।
मौसम में बदलाव की ये हैं वजहें
स्काईमेट वेदर(skymet weather) के अनुसार, दक्षिण पाकिस्तान और उससे सटे क्षेत्र पर कम दबाव का क्षेत्र अब दक्षिण पाकिस्तान और उससे सटे कच्छ पर स्थित है। इससे रिलेटेड चक्रवाती परिसंचरण(cyclonic circulation) औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुक रहा है। मानसून की अक्षीय रेखा अब दक्षिण पाकिस्तान और उससे सटे निम्न दबाव के क्षेत्र से होते हुए, दीसा, उदयपुर, गुना, सागर, पेंड्रा रोड, चांदबली, उत्तर-पश्चिम और इससे सटे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने हुए चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से गुजरते हुए हैं दक्षिण पूर्व की तरफ जा रही है। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण ओडिशा के पास पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी और उत्तरी आंध्र प्रदेश तट पर बना हुआ है जो औसत समुद्र तल से 7.8 किमी ऊपर तक सक्रिय है। जबकि अपतटीय ट्रफ रेखा दक्षिण महाराष्ट्र तट से उत्तरी केरल तट तक फैली हुई है।
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