सार

अमरनाथ यात्रा 2 साल के कोविड अंतराल के बाद इस साल 30 जून को शुरू हुई। तब से अब तक 72,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने मंदिर में पूजा-अर्चना की है। यह यात्रा 11 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर समाप्त होगी। हालांकि, हादसा के बाद यात्रा को तत्काल प्रभाव से रोक दी गई है। 

श्रीनगर। अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने (Amarnath cave cloud burst) से एक दर्जन से अधिक की मौतें हो गई हैं। मरने वालों की लिस्ट में सबसे अधिक संख्या महिलाओं की हैं। कई रेस्क्यू टीम्स गुफा में फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालने के लिए लगे हुए हैं। अमरनाथ गुफा में हुए हादसे से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया गया है।  

किसी भी सूचना के लिए करें इस हेल्पलाइन पर डॉयल

अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना के बाद किसी प्रकार की मदद के लिए इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।

इन नंबर्स पर करें डॉयल

एनडीआरएफ- 011-23438252011, 23438253
कश्मीर डिविजन हेल्पलाइन- 0194-2496240्र
श्राइन बोर्ड हेल्पलाइन- 0194-2313149

15 मौतें, 40 से अधिक गायब

पवित्र अमरनाथ गुफा के निचले हिस्से के पास शुक्रवार को बादल फट गया है। बादल फटने के हादसे में तीन महिलाओं समेत कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है। हादसे की सूचना पाकर एनडीआरएफ व आईटीबीपी की टीमें रेस्क्यू में लगी हैं। बताया जा रहा है कि बादल फटने की दुर्घटना के दौरान गुफा के आसपास दस हजार के आसपास श्रद्धालुओं के मौजूद होने का अनुमान है। यह घटना शुक्रवार की शाम करीब साढ़े पांच बजे हुई। हादसे के बाद पीएम मोदी ने उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से इस बाबत जानकारी ली। बादल फटने की घटना अमरनाथ गुफा के दो किलोमीटर के दायरे में हुआ। बादल फटने के बाद पानी के तेज बहाव की वजह से काफी अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के टेंट व सामानों के बहने की भी सूचना है। हर ओर केवल पानी का ही दृश्य है। रेस्क्यू टीमें पहुंचकर श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थान के लिए निकाल रहे हैं।  आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडेय के अनुसार पहाड़ों से तेज बहाव के साथ आए पानी से श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए करीब 25 टेंट और दो से तीन लंगर बह गए। बारिश से पूरे इलाके में तेजी से पानी भर गया और कई लोग इसकी चपेट में आ गए। कई श्रद्धालु लापता हैं और उनके तेज बहाव में बहने की आशंका है। उन्होंने बताया कि आईटीबीपी, एनडीआरएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना के जवानों समेत मौजूद सुरक्षा बल लगातार लोगों को बाहर निकालने में लगे हुए हैं। रात होने की वजह से रेस्क्यू में थोड़ी दिक्कत है लेकिन यह रात भर जारी रहेगा।

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