पवित्र अमरनाथ गुफा के निचले हिस्से के पास बादल फट गया है। बादल फटने की सूचना पाकर एनडीआरएफ व आईटीबीपी की टीमें रेस्क्यू के लिए पहुंच चुकी हैं। यह घटना शुक्रवार की शाम करीब साढ़े पांच बजे हुई है।
श्रीनगर। अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना का मौसम विज्ञानियों ने विश्लेषण किया है। मौसम विज्ञानियों ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण कश्मीर में अमरनाथ गुफा मंदिर के पास मौतें और विनाश की वजह स्थानीय स्तर पर अत्यधिक बारिश की वजह से है। लोकल एरिया में अत्यधिक बारिश से यह घटना प्रभावित रही है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार शुक्रवार को शाम साढ़े चार बजे से शाम साढ़े छह बजे के बीच मंदिर में 31 मिमी बारिश दर्ज की गई। श्रीनगर में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सोनम लोटस ने कहा कि यह केवल पवित्र गुफा के ऊपर एक अत्यधिक स्थानीयकृत बादल था। इस साल की शुरुआत में भी ऐसी बारिश हुई थी। कोई अचानक बाढ़ नहीं आई। आईएमडी के एक वैज्ञानिक ने कहा कि अमरनाथ गुफा मंदिर के ऊपर के क्षेत्र में शाम 5.30 बजे से शाम 6.30 बजे के बीच 28 मिमी बारिश हुई। लोटस ने कहा कि अमरनाथी के गुफा मंदिर के पास पहाड़ के ऊंचे इलाकों में भीषण बारिश की संभावना है।
बादल फटने से कम से कम 15 लोगों की मौत
अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार की शाम को बादल फटने की वजह से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई। हादसे के समय गुफा के आसपास दस हजार के आसपास लोग मौजूद थे। बादल फटने की सूचना के बाद रेस्क्यू टीमें तत्काल मौके पर पहुंचकर लोगों को बाहर निकालने लगी। इस दुर्घटना में मरे लोगों में सबसे अधिक महिलाएं शिकार हुई हैं। पढ़िए पूरी खबर...
हेल्पलाइन नंबर भी हुआ जारी
अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने (Amarnath cave cloud burst) से मरने वालों की लिस्ट में सबसे अधिक संख्या महिलाओं की हैं। कई रेस्क्यू टीम्स गुफा में फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालने के लिए लगे हुए हैं। अमरनाथ गुफा में हुए हादसे से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया गया है। पढ़िए पूरी खबर...
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