सुवेंदु अधिकारी का बड़ा वादा, कहा- BJP सरकार बनाओ, लौटा देंगे चिटफंड घोटाले का पैसा

बंगाल में नंदीग्राम सीट से बीजेपी के उम्मीदवार सुवेंदु अधिकारी ने बीते दिन नामांकन भरने के बाद जनता से एक वादा किया है। सुवेंदु ने कहा कि अगर पश्चिम बंगाल में बीजेपी सत्ता में आती है तो ठगे गए निवेशकों को चिटफंट का पैसा लौटाया जाएगा।

Rahul Yadav | Published : Mar 13, 2021 4:59 AM IST / Updated: Mar 13 2021, 10:57 AM IST

कोलकाता. बंगाल में नंदीग्राम सीट से बीजेपी के उम्मीदवार सुवेंदु अधिकारी ने बीते दिन नामांकन भरने के बाद जनता से एक वादा किया है। सुवेंदु ने कहा कि अगर पश्चिम बंगाल में बीजेपी सत्ता में आती है तो ठगे गए निवेशकों को चिटफंट का पैसा लौटाया जाएगा। अधिकारी ने हल्दिया में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि 'केवल बीजेपी ही चिटफंड का पैसा लौटा सकती है। प्रवर्तन निदेशालय मामले की जांच कर रहा है। जिन्होंने भी पॉजी स्कीम में पैसा लगाया है, उनके पैसे वापस किए जाएंगे।'

हल्दिया से भरा नामांकन का पर्चा

सार्वजनिक रैली आयोजित करने के अलावा, उन्होंने शुक्रवार को ईस्ट मिदनापुर के नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल करने से पहले हल्दिया में खुदीराम चौराहे से एक मेगा रोड शो भी निकाला। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और धर्मेद्र प्रधान भी बीजेपी के नंदीग्राम उम्मीदवार के साथ थे।

अधिकारी ने शुक्रवार सुबह पहले नंदिग्राम के सोनाचूरा में सिंघाबिनि मंदिर का भी दौरा किया। वहां से वो जानकीनाथ मंदिर भी गए और पूजा अर्चना की। उन्होंने हल्दिया में उप-विभागिय अधिकारी (SDO) कार्यालय जाने से पहले वहां यज्ञ भी किया। भगवा झंडों से लैस, हजारों लोगों ने 'जय श्री राम' के नारे लगाते हुए बीजेपी नेताओं के साथ रोड शो में मार्च किया।

स्मृति ईरानी ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना 

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार पर बंगाल में केंद्रीय कल्याण योजनाओं की अनुमति नहीं देने के लिए हमला किया। ईरानी ने कहा कि 'पीएम मोदी विभिन्न विकास योजनाओं की शुरुआत कर रहे हैं और ममता दीदी उनका नाम बदलकर बंगाल में लाभ उठा रही हैं।'

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि करोड़ों के चिटफंड घोटाले में ईडी की जांच का बंगाल चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। घोष ने कहा कि 'सुवेंदु अधिकारी आगामी चुनावों में वोट हासिल करने के लिए जनता की भावनाओं को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह वोट की राजनीति के अलावा कुछ नहीं है।'

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