ममता सरकार का हाल, अधिकारी के सामने भौंका तो कुत्ता से बना दत्ता, इंसान की तरह अर्जी लगाने से नहीं हुआ था काम

पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा में राशन कार्ड पर छपे गलत नाम को सुधरवाने के लिए एक व्यक्ति को कुत्ते की तरह भौंकना पड़ा। घटना का वीडियो वायरल होने के दो दिन बाद उसका नाम सुधार दिया गया। 
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 21, 2022 11:57 AM IST / Updated: Nov 21 2022, 05:54 PM IST

कोलकाता। अधिकारी के सामने भौंकने पर कुत्ता आखिरकर दत्ता बन गया। जी हां, यह बात 100 फीसदी सच है। इंसान की तरह अर्जी लगाते-लगाते वह थक गया था। राशन कार्ड पर नाम में दत्ता की जगह छपा कुत्ता किसी कलंक की तरह मिटने का नाम नहीं ले रहा था। 

सीएम ममता बनर्जी की सरकार के दौरान पश्चिम बंगाल में अपना काम कराने के लिए इंसान को कुत्ता तक बनना पड़ गया। बांकुड़ा निवासी श्रीकांत कुमार दत्ता के लिए श्रीकांत कुमार कुत्ता लिखा राशन कार्ड लेकर जीना मुश्किल हो गया था। उन्होंने तीन बार नाम सुधरवाने की कोशिश की, लेकिन तीनों बार दत्ता की जगह कुत्ता छपा राशन कार्ड मिला। इंसान की तरह अर्जी लगाने पर बात नहीं बनी तो उन्होंने कुत्ता बनने का फैसला किया। 

बीडीओ के सामने लगे भौंकने 
श्रीकांत अपनी अर्जी लेकर ब्लॉक ऑफिस गए थे। इसी दौरान उन्होंने बीडीओ को कार में सवार होकर जाते देखा। श्रीकांत बीडीओ की कार के पास चले गए और खिड़की के पास जाकर कुत्ते की तरह भौंकने लगे। इसके साथ ही वह अपना आवेदन भी दिखाने की कोशिश कर रहे थे। 

 

 

 

एक आदमी को पास आकर कुत्ते की तरह भौंकता देख अधिकारी हैरत में पड़ गए। ड्राइवर ने धीरे-धीरे कार आगे बढ़ाने की कोशिश की इस दौरान श्रीकांत कार के साथ बने रहे और भौंकते-भौंकते अधिकारी को अपना आवेदन दिखाने की कोशिश करते रहे। काफी देर तक कोशिश करने पर अधिकारी ने आवेदन देखा। राशन कार्ड पर छपे नाम में दत्ता की जगह कुत्ता देख अधिकारी मामला समझ पाए। इसके बाद वह कार से उतरे और ब्लॉक ऑफिस के कर्मचारी से मामला समझा। 

वीडियो हो गया था वायरल
श्रीकांत के कुत्ते की तरह भौंकने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसका असर भी दिखा। वीडियो वायरल होने के दो दिन बाद उनका नाम सुधर गया। राशन कार्ड पर आखिरकर कुत्ता की जगह दत्ता छपकर मिल गया। वीडियो वायरल होने पर श्रीकांत ने कहा था कि मैंने राशन कार्ड पर नाम में सुधार के लिए तीन बार आवेदन किया। तीसरी बार भी मेरा नाम श्रीकांत दत्ता के बजाय श्रीकांत कुत्ता लिखा गया। मैं इससे मानसिक रूप से परेशान था। कल मैं फिर से सुधार के लिए आवेदन करने गया था। वहां संयुक्त ब्लॉक जिला अधिकारी (बीडीओ) को देखकर मैं उसके सामने कुत्ते की तरह व्यवहार करने लगा। उसने मेरे प्रश्न का उत्तर नहीं दिया और भाग गया। ऐसा कितनी बार होगा?
 

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