नारद घोटाला: जमानत रद्द होने के बाद TMC के नेताओं की फूलीं सांसें, सुबह 3 बजे अस्पताल में कराना पड़ा भर्ती

पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित नारद घोटाले में फंसे ममता सरकार के दो मंत्रियों, एक विधायक और एक अन्य नेता की हाईकोर्ट द्वारा जमानत निरस्त होने के बाद सुब्रत मुखर्जी सहित मदन मित्रा और सोवन चटर्जी की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें मंगलवार अलसुबह करीब 3 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया। बता दें कि सोमवार सुबह CBI ने इन नेताओं के घर पर रेड डालकर गिरफ्तार किया था। इन्हें निचली अदालत ने जमानत दे दी थी, लेकिन CBI ने हाईकोर्ट में इसके खिलाफ अपील की, तो उसे रद्द कर दिया गया।
 

Asianet News Hindi | Published : May 18, 2021 6:17 AM IST / Updated: May 18 2021, 12:02 PM IST

कोलकाता, पश्चिम बंगाल. नारद घोटाले में CBI द्वारा गिरफ्तार ममता सरकार के मंत्री सुब्रत मुखर्जी को सांस में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हैरानी की बात यह है कि उनके अलावा  मदन मित्रा और सोवन चटर्जी ने भी यही तकलीफ बताई। इसके बाद मंगलवार अलसुबह करीब 3 बजे तीनों को एसएसकेएम अस्पताल के बुडबर्न ब्लॉक में भर्ती कराना पड़ा। बता दें कि सोमवार सुबह CBI ने ममता सरकार के दो मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम सहित TMC विधायक मदन मित्रा और पूर्व भाजपा नेता सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया था। इन्हें निचली अदालत ने जमानत दे दी थी, लेकिन CBI ने हाईकोर्ट में इसके खिलाफ अपील की, तो उसे रद्द कर दिया गया। 

जानिए पूरा मामला...
सीबीआई ने सोमवार को इन नेताओं को गिरफ्तार किया था। इसके बाद निचली अदालत ने इन नेताओं को जमानत दे दी थी। सीबीआई निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची। सीबीआई ने याचिका दायर कर कहा, एजेंसी राज्य में ठीक से काम करने में असमर्थ हैं और उनकी जांच प्रभावित हो रही है। इसके बाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी। 

CBI दफ्तर पर हंगामे के बाद ममता पर भी FIR
अपने नेताओं की गिरफ्तारी के बाद ममता बनर्जी सीबीआई दफ्तर जा पहुंची थीं। पीछे-पीछे बड़ी संख्या में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता भी आ गए। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने लाठी चार्ज करके उन्हें वहां से खदेड़ा। इस हिंसा के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने ममता बनर्जी के खिलाफ FIR दर्ज करा दी। इस मामले में राज्यपाल ने भी ममता सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए पुलिस को नकारा साबित कर दिया। 

मंत्रिमंडल के शपथ के साथ ही विवाद...
शपथ ग्रहण से पहले ही राज्य में चौंकाने वाला घटनाक्रम हो गया था। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नारद घोटाले में 4 नेताओं पर केस चलाने की अनुमति दे दी थी। इस मामले की जांच CBI कर रही है। बता दें कि ये नेता हैं फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी। इस मामले में भाजपा में शामिल होकर ममता बनर्जी को हरा चुके सुवेंदु अधिकारी का नाम भी शामिल था, लेकिन लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने उन पर मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी थी।

यह है नारद घोटाला
2016 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नारद न्यूज के सीईओ मैथ्यु सैमुअल ने एक स्टिंग वीडियो जारी किया था। इसमें वे एक कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर तृणमूल कांग्रेस के तत्कालीन 7 सांसदों, तीन मंत्रियों और कोलकाता नगर निगम के मेयर शोभन चटर्जी को काम कराने के एवज में रिश्वत देते नजर आ रहे थे। इस मामले ने राजनीति भूचाल ला दिया था। सीबीआई बंगाल में हुए शारदा, रोजवैली सहित कई चिटफंड घोटालों की जांच कर रही है, नारद उनमें एक है।

 

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