West Bengal विधानसभा में केंद्र के विरोध में एक और प्रस्ताव: BSF jurisdiction बढ़ाने के खिलाफ बिल पेश

Published : Nov 16, 2021, 05:09 PM ISTUpdated : Nov 16, 2021, 05:58 PM IST
West Bengal विधानसभा में केंद्र के विरोध में एक और प्रस्ताव: BSF jurisdiction बढ़ाने के खिलाफ बिल पेश

सार

केंद्र सरकार ने बीएसएफ (BSF) को ढेर सारे शक्तियां दे दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home) ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाते हुए अब अधिकारियों को गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती का अधिकार दे दिया है। 

कोलकाता। पंजाब के बाद अब पश्चिम बंगाल (West Bengal) ने भी गृह मंत्रालय (Ministry of Home) द्वारा बीएसएफ (BSF) के अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाए जाने का विरोध किया है। ममता सरकार (Mamta Government) ने मंगलवार को विधानसभा (Assembly) में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाए जाने के विरोध में प्रस्ताव लाया है। 

गृह मंत्रालय ने बढ़ा दिया था बीएसएफ का दायरा

दरअसल, केंद्र सरकार ने बीएसएफ (BSF) को ढेर सारे शक्तियां दे दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home) ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाते हुए अब अधिकारियों को गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती का अधिकार दे दिया है। बीएसएफ अपने इस अधिकार का प्रयोग भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) और भारत-बांग्लादेश (India-Bangladesh) के बीच इंटरनेशनल बार्डर्स (International Borders) के 50 किलोमीटर के दायरे में कर सकेगा। मजिस्ट्रेट के आदेश और वॉरंट के बिना भी बीएसएफ इस अधिकार क्षेत्र के अंदर गिरफ्तारी और तलाशी कर सकती है। 

राज्यों को है आपत्ति

हालांकि, बीएसएफ को मिले इस अधिकार से राज्यों और केंद्र के बीच टकराहट बढ़ा है। कई राज्य सरकार के इस आदेश का विरोध कर रहे हैं। मामला राजनीतिक रंग भी ले रहा है। बीएसएफ को पहले पंजाब (Punajb), पश्चिम बंगाल (West Bengal) और असम (Assam) में सिर्फ 15 किलोमीटर के दायरे में ही जांच का अधिकार था। अब पचास किलोमीटर का अधिकार क्षेत्र हो जाने से बीएसएफ की शक्तियां बढ़ने से राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल बढ़ जाएगा। 

गुजरात में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में कमी

गृह मंत्रालय के नए आदेश में गुजरात (Gujarat) में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को कम किया गया है। बीएसएफ पहले यहां 80 किलोमीटर के दायरे में था लेकिन उसे पचास कर दिया गया है। जबकि राजस्थान (Rajasthan) में दायरा क्षेत्र पहले की तरह ही 50 किलोमीटर ही है। 

पूर्वोत्तर के पांच राज्यों में कम किया दायरा

पांच पूर्वोत्तर राज्यों मेघालय (Meghalaya), नागालैंड (Nagaland), मिजोरम (Mizoram), त्रिपुरा (Tripura) और मणिपुर (Manipur) के लिए यह दायरा 80 से घटाकर 20 किलोमीटर कर दिया गया है। 

सीमा की सुरक्षा का जिम्मा बीएसएफ को

भारत-पाकिस्तान के बीच 3323 किलोमीटर तो भारत-बांग्लादेश के बीच 4096.7 किलोमीटर की सीमा की सुरक्षा का जिम्मा बीएसएफ को मिला हुआ है। इसके अलावा बीएसएफ के पास छत्तीसगढ़ (Chhatisgarh) और ओडिशा (Odisha) में मौजूद माओवाद पर भी नकेल कसने का जिम्मा है। बीएसएफ के अधिकार सीमा सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 की धारा 139 केंद्र को समय-समय पर सीमा बल के संचालन के क्षेत्र और सीमा को अधिसूचित करने का अधिकार देती है।

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