सार
सन् 2000 में पूरी दुनिया की संपत्ति 156 बिलियन डॉलर थी। लेकिन बीस साल बाद यानी 2020 तक यह बढ़कर 514 बिलियन डॉलर हो चुकी है।
वाशिंगटन। दुनिया की अन्य महाशक्तियों को दरकिनार कर महाशक्ति (world power) बनने के लिए लगातार प्रयासरत चीन (China), अमेरिका (America) को पछाड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता है। महाशक्ति अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए चीन अब दुनिया का सबसे अमीर देश बन चुका है। विश्व के देशों की बैलेंसशीट पर रिसर्च और मॉनिटरिंग करने वाली मैकिन्से एंड कंपनी (McKinsey and Company) की रिसर्च विंग ने रिपोर्ट किया है कि दो दशकों में विश्व की संपत्तियों में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। इसमें सबसे अधिक एक तिहाई अकेले चीन की हिस्सेदारी है। यानी दुनिया की तीन गुना संपत्तियां जो बढ़ी है उसमें 33 प्रतिशत अकेले चीन की है।
दुनिया की संपत्ति 514 बिलियन डॉलर
मैकिन्से एंड कंपनी की रिसर्च विंग की रिपोर्ट के अनुसार सन् 2000 में पूरी दुनिया की संपत्ति 156 बिलियन डॉलर थी। लेकिन बीस साल बाद यानी 2020 तक यह बढ़कर 514 बिलियन डॉलर हो चुकी है। इस रिपोर्ट की मानें तो सन् 2000 में चीन की कुल संपत्ति 7 बिलियन डॉलर थी जो साल 2020 में तेजी से बढ़कर 120 बिलिलयन डॉलर पहुंच गई है।
भारत के मुकाबले चीन की नेटवर्थ नौ गुना से भी ज्यादा
क्रेडिट सुइस की ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2019 में भारत की नेटवर्थ 12.6 बिलियन डॉलर पर थी। इस तरह चीन की संपत्ति 120 बिलियन डॉलर के मुकाबले भारत की संपत्ति नौ गुना से भी ज्यादा कम है।
अमेरिका की संपत्ति हुई दुगुनी लेकिन चीन से काफी पीछे
हालांकि, महाशक्ति अमेरिका की संपत्ति भी इन दो दशकों में बढ़ी है। अमेरिका ने 20 सालों में अपनी संपत्ति दो गुनी की है। सन् 2000 में 45 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2020 में यह आंकड़ा 90 बिलियन डॉलर पर पहुंच चुका है। मैकिन्से रिपोर्ट के अनुसार यूएस की प्रॉपर्टी के दामों में बहुत ज्यादा वृद्धि न होने से उसकी संपत्ति चीन के मुकाबले कम रही और वह अपना नंबर एक का स्थान गंवा बैठा।
चीन और अमेरिका की संपत्ति कुछ अमीरों तक ही सीमित
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और अमेरिका की संपत्ति का बहुत बड़ा हिस्सा कुछ अमीर लोगों तक ही सीमित है। रिपोर्ट की मानें तो इन दोनों देशों में 10% आबादी के पास सबसे ज्यादा धन है। इन देशों में अमीरों की तादाद तेजी से बढ़ रही है, जिसके कारण अमीर और गरीब देशों के बीच बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वैश्विक कुल संपत्ति का 68% हिस्सा अचल संपत्ति के रूप में मौजूद है, जबकि बाकी की संपत्ति में बुनियादी ढांचा, मशीनरी और उपकरण जैसी चीजें शामिल हैं।
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