पश्चिम बंगाल में विधान परिषद 1952 से था। 98 सदस्यों वाले विधान परिषद को 1969 में खत्म किया गया था। विधान परिषद प्रस्ताव का संसद के दोनों सदनों में पास होना जरूरी है। लोकसभा और राज्यसभा में यह प्रस्ताव बहुमत से पास कराना ममता बनर्जी के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकती है
कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने विधानसभा में विधान परिषद के लिए प्रस्ताव पास किया है। विधान परिषद के गठन के लिए पास हुए प्रस्ताव के पक्ष में 196 सदस्यों ने वोट किया जबकि 69 सदस्यों ने इसके विरोध में वोट किया।
मोदी सरकार फंसा सकती है पेंच
ममता बनर्जी ने बंगाल विधानसभा में विधान परिषद प्रस्ताव पास करा दिया है। लेकिन इस प्रस्ताव का संसद के दोनों सदनों में पास होना जरूरी है। लोकसभा और राज्यसभा में यह प्रस्ताव बहुमत से पास कराना ममता बनर्जी के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकती है क्योंकि संसद में बीजेपी के साथ के बिना यह असंभव है।
1969 में खत्म हो गया था विधान परिषद
पश्चिम बंगाल में विधान परिषद 1952 से था। 98 सदस्यों वाले विधान परिषद को 1969 में खत्म किया गया था। 21 मार्च 1969 में विधान सभा में प्रस्ताव लाकर इसे खत्म कर दिया गया था। इसके बाद संसद ने भी पश्चिम बंगाल विधान परिषद एबोलिशन एक्ट 1969 को पास करते हुए मंजूरी दे दी थी। संसद की मंजूरी के बाद 1 अगस्त 1969 से बंगाल में विधान परिषद को खत्म कर दिया गया।