
नई दिल्ली। WFI (भारतीय कुश्ती महासंघ) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप लगे हैं। IOA (भारतीय ओलंपिक संघ) ने इसकी जांच के लिए 7 सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस बीच WFI की ओर से अध्यक्ष के बचाव में खेल मंत्रालय को पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि यौन उत्पीड़न की घटना नहीं हुई। अध्यक्ष के खिलाफ किया जा रहा विरोध प्रदर्शन गहरी साजिश का हिस्सा है।
WFI ने खेल मंत्रालय से कहा है कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। वे लोग निजी हित में या अनुचित दबाव में या किसी बड़ी साजिश के तहत काम कर रहे हैं। वे WFI अध्यक्ष को बदनाम कर रहे हैं। WFI मैनेजमेंट के लिए इसी साल चुनाव होने वाला है। इससे पहले अध्यक्ष की छवि खराब करने की साजिश रची जा रही है।
WFI की समिति के पास नहीं दर्ज कराई गई रिपोर्ट
पत्र में आरोप लगाया गया है कि एथलीट निहित स्वार्थ और साजिश के चलते विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे WFI, उसके अध्यक्ष, कोच और मैनेजमेंट को बदनाम कर अपना असर बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। यौन उत्पीड़न के आरोप निराधार हैं। इस तरह की कोई घटना नहीं हुई। पत्र में कहा गया, "WFI की यौन उत्पीड़न समिति के बारे में जानकारी WFI की वेबसाइट पर उपलब्ध है। कोई भी पीड़ित व्यक्ति या पहलवान समिति से संपर्क कर सकता है। WFI की समिति के पास यौन उत्पीड़न का एक भी मामला नहीं आया। किसी ने एक भी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई।"
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WFI ने कहा कि यह अपने संविधान के अनुसार एक निर्वाचित निकाय द्वारा मैनेज किया जाता है। इसलिए अध्यक्ष सहित किसी एक व्यक्ति द्वारा WFI में मनमानी और कुप्रबंधन की गुंजाइश नहीं है। किसी भी खिलाड़ी ने कभी भी मैनेजमेंट से शिकायत नहीं की।
क्या है मामला?
गौरतलब है कि पहलवान विनेश फोगट, बजरंग पुनिया, रवि दहिया और कई अन्य एथलीट पिछले तीन दिनों से WFI के अध्यक्ष के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने अध्यक्ष और उसके कोचों पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही अध्यक्ष पर WFI के कामकाज में कुप्रबंधन का आरोप भी लगाया गया है। पहलवानों ने WFI में पूरी तरह से बदलाव की मांग की है।