बम चक्रवात (Bomb Cyclones) खतरनाक मौसमी घटना है। यह पृथ्वी के उष्णकटिबंधीय और ध्रुवीय क्षेत्रों के बीच सामने आता है। यह बहुत अधिक तेज हवाएं, मूसलाधार बारिश, भारी बर्फबारी, बाढ़ और अत्यंत ठंडा तापमान ला सकती है।
बम चक्रवात एक निम्न दबाव वाली मौसम प्रणाली है। इसके केंद्र का वायुमंडलीय दबाव आसपास के क्षेत्रों की तुलना में कम होता है। इससे हवाएं अंदर की ओर घूमती हैं। इसमें हवाएं उत्तरी गोलार्ध में घड़ी की सूई की उल्टी दिशा में तथा दक्षिणी गोलार्ध में घड़ी की सूई की दिशा में घूमती हैं। बम चक्रवात की हवाएं 119 किमी प्रति घंटे या इससे भी तेज हो सकती हैं।
ये तूफान सर्दियों के दौरान बनते हैं। इससे आसपास के क्षेत्र में भारी बारिश होती है। मैडिसन में विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय में मौसम विज्ञान के प्रोफेसर जॉन मार्टिन के अनुसार ऐसे चक्रवात करीब एक सप्ताह तक रहते हैं। ये चार से पांच दिनों में अपनी चरम तीव्रता तक पहुंच जाते हैं और अंतिम दो दिनों में समाप्त हो जाते हैं।
समुद्र के ऊपर चलने वाली जेट स्ट्रीम के स्तर और सतह पर मौजूद पानी के तापमान की स्थितियां तूफान के तीव्र होने के लिए आदर्श होने पर बम चक्रवात बनते हैं। जेट स्ट्रीम ऊपरी वायुमंडल में तेज हवाओं की पतली पट्टी है। इसके साथ ही बम चक्रवात के पैदा होने में कुछ और वायुमंडलीय प्रक्रियाओं के मिलने की जरूरत होती है। समुद्र के पानी का तापमान बढ़ने से ऐसे चक्रवात बनने का खतरा बढ़ जाता है। ग्लोबल वार्मिंग के चलते समुद्र का पानी गर्म हो रहा है। इससे चक्रवात तेजी से बन रहे हैं। ज्यादातर तीव्र बम चक्रवात महासागरों के ऊपर बनते हैं।
बम चक्रवात अधिकतर महासागरों के ऊपर बनते हैं। ये दोनों गोलार्द्धों में सबसे अधिक ठंड के मौसम में आते हैं। उत्तरी गोलार्द्ध में नवंबर से मार्च तक और दक्षिणी गोलार्द्ध में मई से अगस्त तक इसके आने का खतरा ज्यादा रहता है। ये तूफान इससे पहले या बाद में भी आ सकते हैं।