डिजिटल पेमेंट में नंबर वन बनने से लेकर सबसे बड़े वैक्सीनेशन तक...6 साल में डिजिटल इंडिया से क्या बदला?

पीएम मोदी ने भी कहा, कोविड काल में हमने अनुभव किया कि डिजिटल इंडिया ने हमारे काम को कितना सरल बना दिया। कल्पना कीजिए कि अगर डिजिटल कनेक्टिविटी नहीं होती तो कोरोना में क्या स्थिति होती। डिजिटल इंडिया मतलब सबको अवसर, सबको सुविधा, सबकी भागीदारी। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 1, 2021 1:04 PM IST

नई दिल्ली. भारत में डिजिटल इंडिया की शुरुआत के 6 साल पूरे हो चुके हैं। 1 जुलाई 2015 को इसकी शुरुआत की गई। जून 2018 में पीएम मोदी ने देश के डिजिटल इंडिया का लाभ लेने वाले लाभार्थियों के साथ बातचीत में कहा था, डिजिटल इंडिया की शुरुआत यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि सभी क्षेत्रों के लोग खासकर गांव में लोग डिजिटल रूप से सशक्त हों।  

डिजिटल इंडिया के जरिए 6 साल में क्या बदला?
सबसे पहले बात करते हैं कि डिजिटल इंडिया से क्या-क्या बदला है? इसे कुछ नंबर्स से समझने की कोशिश करते हैं। साल 2020 की बात करें तो दुनिया में भारत डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन में नंबर वन पर है। ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में 5 गुना की बढ़ोतरी हुई है। 

कोरोना महामारी में डिजिटल पेमेंट के जरिए लोगों को कई सरकारी योजनाओं का लाभ मिला। पीएम मोदी ने भी कहा, कोविड काल में हमने अनुभव किया कि डिजिटल इंडिया ने हमारे काम को कितना सरल बना दिया। कल्पना कीजिए कि अगर डिजिटल कनेक्टिविटी नहीं होती तो कोरोना में क्या स्थिति होती। डिजिटल इंडिया मतलब सबको अवसर, सबको सुविधा, सबकी भागीदारी। 

डिजिटल इंडिया के मजबूत स्तम्भ कौन-कौन से हैं?
1- Aadhar Card :
आधार डेटाबेस का निर्माण दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक-आधारित डिजिटल पहचान है। ये डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के मजबूत स्तंभों में से एक है। 1,296,180,566 लोगों को अब तक आधार कार्ड से जोड़ा जा चुका है।

2- JAN Trinity : जन धन योजना भी डिजिटल इंडिया के मजबूत स्तंभों में से एक है। लोगों को सब्सिडी देने के लिए सरकार ने जन धन खातों, मोबाइल नंबरों और आधार कार्ड को जोड़ने का काम किया। अभी इसके करीब 42.5 करोड़ लाभार्थी हैं। इस योजना का लाभ सबसे ज्यादा गांव में रहने वाले उन किसानों को हुआ है, जिनके पास खेती के लिए जमीन कम है। उन्हें सीधे तौर पर सरकार से मिलने वाली सब्सिडी मिली। इसी के तहत पीएम किसान योजना का लाभ सीधे तौर पर मिला। 10,36,97,974 लाभार्थी पीएम किसान योजना के लाभार्थी हैं।

3- e Nam : नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट या eNAM भारत ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है, जहां कृषि से जुड़े सामान खरीदे और बेचे जाते हैं। ये प्लेटफॉर्म किसानों, व्यापारियों और खरीदारों को ऑनलाइन व्यापार की सुविधा देता है। इतना ही नहीं, यहां बेहतर कीमत खोजने में मदद भी मिलती है। मंत्रालय ने कहा कि पिछले चार सालों में e Nam में 1.66 करोड़ किसानों, 1.31 लाख व्यापारियों, 73,151 कमीशन एजेंटों और 1,012 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) ने रजिस्ट्रेशन किया। 

4- Vaccination : दुनिया में सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान भारत में चलाया गया। ये डिजिटल इंडिया के जरिए ही संभव हो सका है। आंकड़ों की बात करें तो 30 जून 2021 तक कुल 32,91,58,139 लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। वहीं कुल 35,02,01,473 लोगों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत के COVID-19 वैक्सीनेशन पोर्टल- CoWIN को लेकर 20 देशों ने दिलचस्पी दिखाई है।  

5- Aarogya setu : कोरोना महामारी में Aarogya setu ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वैक्सीनेशन के लिए CoWIN पोर्ट पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद आसानी से स्लॉट मिल जाता है। फिर वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर वैक्सीन ली जा सकती है। CoWIN पोर्टल के अलावा Aarogya setu पर भी वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट डाउनलोड किया जा सकता है।

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