कर्नाटक: क्या है MUDA जमीन घोटाला, जिसने खतरे में डाली CM सिद्धारमैया की कुर्सी?

MUDA जमीन घोटाला मामले की जांच के लिए कर्नाटक के राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। इससे सीएम सिद्धारमैया की कुर्सी खतरे में पड़ गई है।

 

बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) की कुर्सी खतरे में पड़ गई है। MUDA (Mysuru Urban Development Authority) जमीन घोटाला मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलने जा रहा है। राज्यपाल ने MUDA द्वारा जमीन आवंटन में गड़बड़ी को लेकर सीएम के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दी है।

सिद्धारमैया ने शनिवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह राजभवन का इस्तेमाल राजनीति के लिए कर रही है। जनता द्वारा चुनी गई उनकी सरकार को गिराने की साजिश रची गई है। सीएम ने कहा कि कांग्रेस उनके साथ है। राज्यपाल के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया।

Latest Videos

क्या है MUDA जमीन घोटाला?

MUDA भूमि घोटाला विवाद सिद्धारमैया की पत्नी को मुआवजा देने के लिए जमीन आवंटित करने से जुड़ा है। ऐसा तब हुआ जब सिद्धारमैया मुख्यमंत्री थे। आरोप है कि इससे राज्य के खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ है।

तीन सामाजिक कार्यकर्ताओं प्रदीप कुमार, टीजे अब्राहम और स्नेहमयी कृष्णा ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत से सीएम के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया था। अब्राहम ने राज्यपाल को दी गई अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि करोड़ों रुपए के इस घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ है।

सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को मैसूर के पॉश इलाके में मिली जमीनें

अब्राहम ने जुलाई में लोकायुक्त पुलिस से शिकायत की थी कि सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को मैसूर के एक पॉश इलाके में 14 भूखंडों का आवंटन अवैध था। उन्होंने दावा किया था कि इससे राज्य सरकार को 45 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। उन्होंने सिद्धारमैया के अलावा उनकी पत्नी, बेटे एस यतींद्र और MUDA के वरिष्ठ अधिकारियों को भी आरोपी बनाया था।

सिद्धारमैया का दावा पत्नी को मिला है मुआवजा

सिद्धारमैया ने दावा किया है कि जिस जमीन के लिए उनकी पत्नी को मुआवजा मिला है, वह उनके भाई मल्लिकार्जुन ने 1998 में गिफ्ट में दी थी। कार्यकर्ता कृष्णा ने आरोप लगाया कि मल्लिकार्जुन ने 2004 में इसे अवैध रूप से खरीदा था। सरकारी और राजस्व अधिकारियों की मदद से जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर जमीन का रजिस्ट्रेशन कराया गया था। जमीन की खरीद 1998 में दिखाई गई। पार्वती ने 2014 में जमीन के लिए मुआवजा मांगा। उस समय सिद्धारमैया मुख्यमंत्री थे।

Share this article
click me!

Latest Videos

UPPSC Student Protest: प्रयागराज में क्या है छात्रों की प्रमुख मांग, चौथे भी डटे हुए हैं अभ्यर्थी
वोटिंग के बीच नरेश मीणा ने SDM को ही मार दिया थप्पड़, जानें वायरल वीडियो का पूरा सच
SDM थप्पड़कांड के बाद हर तरफ बवाल, ठप हो गया राजस्थान और नरेश मीणा को घसीटते हुए ले गई पुलिस
'जब तक कलेक्टरनी की मेंहदी न उतार दूं...' नरेश मीणा का एक और वीडियो हुआ वायरल
Dehradun Car Accident: 13 दिन ली गई कार बनी 6 दोस्तों के लिए 'काल', सामने आया सबसे बड़ा सवाल